प्रतापगढः फसल उत्पादन बढ़ाने व मृदा को स्वस्थ रखने हेतु फास्फोरस सोलुबिलाइजिंग बैक्टीरिया का करें प्रयोग
June 12, 2025
प्रतापगढ़। जिले में जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार ने गुरुवार को बताया है कि देश की कृषि प्रणाली में सतत विकास और उत्पादकता बढ़ाने के प्रयासों के तहत वैज्ञानिकों ने फास्फोरस सोलुबिलाइजिंग बैक्टीरिया (पीएसबी) को एक प्रभावी जैव उर्वरक के रूप में चिन्हित किया है। यह बैक्टीरिया मृदा में उपस्थित अघुलनशील फास्फोरस को घुलनशील रूप में परिवर्तित कर पौधों के लिए उपलब्ध कराता है, जिससे फसल की पैदावार में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। पीएसबी के उपयोग से न केवल रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है, बल्कि यह मिट्टी की संरचना और उपजाऊपन को भी बेहतर बनाता है। यह जैविक विकल्प छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित हो सकता है। गेहूं, धान, मक्का, सोयाबीन, और दलहन जैसी फसलों में पीएसबी के उपयोग से 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक उपज में वृद्धि देखी गई है। उन्होने किसानों से कहा है कि अपनी खेती में पीएसबी जैसे जैव उर्वरकों का प्रयोग अवश्य करें। इससे आपकी पैदावार में वृद्धि होगी और मृदा भी स्वस्थ बनी रहेगी। हमारा लक्ष्य केवल अधिक उत्पादन नहीं, बल्कि संतुलित एवं टिकाऊ खेती है।
उन्होने बताया है कि ये जीवाणु अघुलनशील फॉस्फेट (जैसे रॉक फॉस्फेट) और मिट्टी में मौजूद जैविक फॉस्फोरस को घुलनशील रूप में बदल देते हैं, जिसे पौधे आसानी से अवशोषित कर सकते हैं। उपलब्ध फॉस्फोरस बढ़ने से पौधों की जड़ विकास बेहतर होता है, फूल व फल आने में सहायता मिलती है और समग्र उपज में 10-20 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई है। पीएसबी के प्रभावी उपयोग से डीएपी, सिंगल सुपर फॉस्फेट जैसे रासायनिक फॉस्फेट उर्वरकों की आवश्यकता 25-50 प्रतिशत तक कम हो सकती है, जिससे लागत घटती है। ये जीवाणु मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं, उपयोगी सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ाते हैं और मिट्टी को लंबे समय तक उपजाऊ बनाए रखने में मदद करते हैं। रासायनिक उर्वरकों का कम उपयोग जल प्रदूषण (यूट्रोफिकेशन) और मिट्टी के अम्लीकरण को कम करता है।
उन्होने पीएसबी के प्रयोग की विधियों के सम्बन्ध में बताया है कि 1 किलो बीज के लिए लगभग 15- 20 ग्राम पीएसबी कल्चर का प्रयोग करें। बीजों को थोड़े से पानी में गीला करें या गुड़ के घोल का हल्का लेप लगाएं। फिर बीजों को पीएसबी कल्चर से अच्छे से लपेट दें। छाया में सुखाकर तुरंत बुवाई करें। जड़ डुबोना विधि के सम्बन्ध में बताया है कि रोपाई वाली फसलों के लिए एक बाल्टी या टब में 10 लीटर पानी लें। उसमें 1 किलो पीएसबी कल्चर मिलाएं। तैयार पौधों की जड़ों को इस घोल में 15-30 मिनट तक डुबोकर रखें, फिर रोपाई करें। मिट्टी में मिलाने के सम्बन्ध में बताया है कि 1 एकड़ खेत के लिए 2-4 किलो पीएसबी कल्चर की जरूरत होती है। इसे 20-25 किलो गोबर खाद या कंपोस्ट खाद में मिलाएं। अच्छी तरह मिलाकर बुवाई से पहले खेत में समान रूप से बिखेर दें और मिट्टी में मिला दें।