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बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या का अमेरिकी सांसदों ने किया विरोध


बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही बर्बरता पूरी दुनिया देख रही है। इस बीच अमेरिकी सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदू शख्स दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा क्रूर हत्या पर बयान दिया है। अमेरिकी सांसदों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। सांसदों ने बांग्लादेशी अधिकारियों से धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था बहाल करने की मांग भी की है।


इलिनॉय से डेमोक्रेटिक पार्टी के कांग्रेस मैन राजा कृष्णमूर्ति ने इस घटना को खतरनाक अस्थिरता और अशांति के बीच हुई टारगेटेड हिंसा करार देते हुए गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "मैं बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई लक्षित हत्या से स्तब्ध हूं। यह हिंसा का वह कृत्य है जो देश में बढ़ती अस्थिरता के दौर में हुआ है।"
कृष्णमूर्ति ने यह भी कहा कि अधिकारियों ने कुछ गिरफ्तारियां की हैं, लेकिन बांग्लादेश सरकार को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ जांच करनी चाहिए। सभी दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने हिंदू समुदाय सहित अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को हिंसा से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग भी की। कृष्णमूर्ति ने कहा कि हिंसा का दौर खत्म हो, कानून अपना काम करें।
न्यूयॉर्क विधानसभा की सदस्य जेनिफर राजकुमार ने भी बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हिंसा पर चिंता जताई। उन्होंने दीपू चंद्र दास की निर्मम हत्या को सबसे हालिया और क्रूर उदाहरण बताया, जिसमें भीड़ ने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला, उनके शव को आग लगाई और राजमार्ग पर छोड़ दिया।
राजकुमार ने बताया कि अधिकारियों ने इस जघन्य अपराध में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने इसे धार्मिक उत्पीड़न और अल्पसंख्यकों के खिलाफ टरगेटेड हिंसा करार दिया। 'बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद' के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अगस्त 2024 से जुलाई 2025 तक अल्पसंख्यकों के खिलाफ 2,442 हिंसा की घटनाएं हुईं और 150 से अधिक मंदिरों में तोड़फोड़ की गई।
न्यूयॉर्क विधानसभा की सदस्य जेनिफर राजकुमार ने दीपू चंद्र दास के साथ हुई बर्बरता का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जारी हिंसा धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। अंतरिम सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए जिससे देश में लोगों के मन से डर को दूर किया जा सके।

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