अमेठी। महिलाओं के अधिकारों एवं उनके सम्मान की भावना को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने एक अभूतपूर्व और संवेदनशील पहल की है। आयोग द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित महिला बंदीगृहों में आवासित महिलाएँ आगामी 10 अक्टूबर 2025 को करवा चैथ का पर्व अपने पतियों की उपस्थिति में पारम्परिक रूप से मनाएँगी। यह निर्णय उ.प्र. राज्य महिला आयोग (संशोधन) अधिनियम 2013 की धारा 9 के अंतर्गत आयोग के निर्धारित कार्यों के क्रम में लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिला बंदियों को भी अपने भावनात्मक और पारिवारिक अधिकारों से वंचित न रहना पड़े। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ० बबीता सिंह चैहान ने बताया कि करवा चैथ केवल एक व्रत नहीं बल्कि प्रेम, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक पर्व है। महिला आयोग का यह प्रयास बंदीगृहों की दीवारों के भीतर भी स्नेह, सम्मान और आत्मिक जुड़ाव की भावना को पुनर्जीवित करेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकार केवल कानूनी नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक भी हैं और आयोग इन सभी पहलुओं की समान रूप से संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ०बबिता सिंह चैहान ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर अनुरोध किया है कि अपने-अपने जनपदों में महिला बंदीगृहों की पात्र महिलाओं के पतियों को तथा बंदीगृह में निरूद्ध पुरुष बंदियों की पत्नियों को कारागार में आमंत्रित कर करवा चैथ का पर्व पारंपरिक विधि-विधान के साथ मनाए जाने हेतु आवश्यक निर्देश जारी करें। डॉ बबिता सिंह चैहान ने बताया कि यह आयोजन महिला आयोग की उस सोच का प्रतीक है जो “हर परिस्थिति में महिला के सम्मान और संवेदना की रक्षा“ के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अमेठीः विश्वास और व्रत का संगम! महिला आयोग ने बंदी महिलाओं को लौटाया करवा चौथ का उजाला-डॉ बबिता सिंह चौहान
October 09, 2025
अमेठी। महिलाओं के अधिकारों एवं उनके सम्मान की भावना को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने एक अभूतपूर्व और संवेदनशील पहल की है। आयोग द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित महिला बंदीगृहों में आवासित महिलाएँ आगामी 10 अक्टूबर 2025 को करवा चैथ का पर्व अपने पतियों की उपस्थिति में पारम्परिक रूप से मनाएँगी। यह निर्णय उ.प्र. राज्य महिला आयोग (संशोधन) अधिनियम 2013 की धारा 9 के अंतर्गत आयोग के निर्धारित कार्यों के क्रम में लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिला बंदियों को भी अपने भावनात्मक और पारिवारिक अधिकारों से वंचित न रहना पड़े। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ० बबीता सिंह चैहान ने बताया कि करवा चैथ केवल एक व्रत नहीं बल्कि प्रेम, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक पर्व है। महिला आयोग का यह प्रयास बंदीगृहों की दीवारों के भीतर भी स्नेह, सम्मान और आत्मिक जुड़ाव की भावना को पुनर्जीवित करेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकार केवल कानूनी नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक भी हैं और आयोग इन सभी पहलुओं की समान रूप से संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ०बबिता सिंह चैहान ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर अनुरोध किया है कि अपने-अपने जनपदों में महिला बंदीगृहों की पात्र महिलाओं के पतियों को तथा बंदीगृह में निरूद्ध पुरुष बंदियों की पत्नियों को कारागार में आमंत्रित कर करवा चैथ का पर्व पारंपरिक विधि-विधान के साथ मनाए जाने हेतु आवश्यक निर्देश जारी करें। डॉ बबिता सिंह चैहान ने बताया कि यह आयोजन महिला आयोग की उस सोच का प्रतीक है जो “हर परिस्थिति में महिला के सम्मान और संवेदना की रक्षा“ के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
