अमेठीः संघर्ष से सफलता तक! ग्रामीण महिलाएँ बन रहीं आत्मनिर्भर! संग्रामपुर ब्लॉक की सुनीता देवी बनी ‘लखपती दीदी’
October 09, 2025
अमेठी। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संग्रामपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत उत्तरगाँव पुरवा डिहवा निवासी सुनीता देवी ने यह सिद्ध कर दिया कि आत्मविश्वास, परिश्रम और सही मार्गदर्शन से कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है। सहारा महिला स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष सुनीता देवी, जो नया सवेरा प्रेरणा संकुल स्तरीय समिति से जुड़ी हैं, आज “लखपती दीदी” के रूप में जानी जाती हैं। समूह से जुड़ने से पूर्व सुनीता देवी का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। उनके पति परदेश में सिलाई का कार्य करते थे, जिससे परिवार का गुजारा मुश्किल से होता था। न खेती थी, न स्थायी आय का साधन। छोटे से कच्चे घर में रहना भी कठिन था। दिसंबर 2008 में जब सुनीता देवी सहारा महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं, तो उनके जीवन की दिशा बदल गई। समूह के माध्यम से उन्हें पूंजी, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने 10,000 रुपये का पहला ऋण लेकर अपने घर से ही सिलाई कार्य शुरू किया और तैयार कपड़ों को गाँव-गाँव बेचने लगीं। धीरे-धीरे आत्मविश्वास बढ़ा और आय में वृद्धि हुई। समूह से 50,000 रुपये का ऋण लेकर सुनीता देवी ने “शिवम स्पोर्ट” नाम से अमेठी में किराये के कमरे में सिलाई यूनिट शुरू की। निरंतर परिश्रम से आज उनकी दुकान में प्रतिदिन 2000 से 3500 रुपये तक की आमदनी होती है। उन्होंने समूह की अन्य बहनों और उनके परिवार के सदस्यों को भी रोजगार प्रदान किया है। बचत और मेहनत के बल पर अब उनका अपना घर और दुकान है। सुनीता देवी अब अन्य महिलाओं को भी समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती हैं। वे अपने अनुभव साझा कर महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। जिलाधिकारी संजय चैहान एवं मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने कहा कि “सुनीता देवी जैसी महिलाएँ आजीविका मिशन की वास्तविक सफलता का प्रतीक हैं। समूह आधारित आजीविका मॉडल से महिलाएँ न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधार रही हैं, बल्कि समाज में सम्मान और पहचान भी अर्जित कर रही हैं।” उन्होंने जिला मिशन प्रबंधन इकाई को निर्देश दिए कि अधिक से अधिक महिलाओं को समूहों से जोड़कर लखपती दीदी बनाने की दिशा में कार्य किया जाए।
