सोनभद्र। खनन क्षेत्रों में एक बार फिर लापरवाही ने एक ज़िंदगी छीन ली। ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली-मारकुंडी स्थित अजंता खनन क्षेत्र में एक टीपर अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। इस हादसे में टीपर चालक की मौत हो गई। मौके पर मौजूद खनिकों ने घायल चालक को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। अब सवाल फिर वही है क्या हादसों के बाद भी खनन क्षेत्र में सुरक्षा नियमों को लेकर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या फिर इस बार भी सिर्फ खानापूर्ति होगी। ओबरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में एक बार फिर हादसा हो गया। घटना अजंता मिनरल माइनिंग क्षेत्र की है, जहां कैलाश गौड़, पुत्र शिवदास गौड़, निवासी खैराही, टीपर चला रहे थे। हर दिन की तरह कैलाश सुबह काम पर पहुंचे थे, लेकिन इस बार उनका लौटना नहीं हुआ। काम के दौरान टीपर अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसा होते ही आसपास काम कर रहे श्रमिक दौड़े और घायल चालक को अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने हालत गंभीर देख उसे रेफर किया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मृतक के परिवार में इस घटना से कोहराम मच गया है। आरोप है कि NGT के नियमों को ताक पर रखकर तय सीमा से अधिक गहराई तक खनन किया जा रहा था, जिससे ऐसे हादसे लगातार हो रहे हैं।
इससे पहले भी खनन क्षेत्र में कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी अब भी जारी है। हादसे के बाद जहां खदान में सैकड़ों मजदूर काम करते दिखते थे, अब वहां सन्नाटा पसरा है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं घटना को लेकर जानकारी देते हुए मृतक के भाई राजा बाबू ने बताया कि खदान पर गए थे इस दौरान एक दूसरी टीपर ने टक्कर मार दी। मृतक मेरा भाई टीपर का चालक था। हम लोग खुद भी चालक हैं।
ओ ऊपर में लोडिंग कर रहे थे और हम नीचे खदान में मौजूद थे। इस दौरान हम अपने गाड़ी को लेकर जा रहे थे तो गाड़ी खड़ी दिखी किंतु हमें लगा कोई सामान्य बात है।
जब हम वापस आए, पुनः गाड़ी खड़ी देखे तो जानकारी ली, फिर बताया गया कि यह हादसा हुआ है। जिस खदान में हादसा हुआ, पहले महादेव के नाम से जानी जाती थी किंतु अब अजंता के नाम से इसे जाना जाता है।