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अमेठीः प्रभारी निरीक्षक रामगंज की कार्यशैली की ग्रामीणों ने की जमकर सराहना! दो पक्षों के विवाद का कराया निस्तारण


अमेठी। जिले के भादर के रामगंज थाना व ब्लाक अंतर्गत ढेमा बाजार से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित वासुदेवपुर गांव के दो पक्षों में एक गलियारे में एक दरवाजे को लगाते समय विवाद हो रहा था, जिसमें पीड़ित पक्ष ने पुलिस को डायल 112 पर फोन कर मामले की पूरी जानकारी दी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक वासुदेवपुर गांव में चंद्रपाल वर्मा व शिवकुमार वर्मा के घर के बगल में दोनों के मकान की रंगाई,पुताई व मरम्मत के लिए गलियारा छोड़ा गया था।विदित हो कि गुरुवार को सुनियोजित तरीके से शिवकुमार वर्मा ने उसी गलियारे को नियमित उपयोग करने के लिए उसने अपने के बगल गलियारे के तरफ की दीवार में एक गलत तरीके से दरवाजा बना लिया। गौरतलब हो कि दरवाजा उस समय बना गया जब चंद्रपाल वर्मा के घर के सदस्य गुरुवार शाम को किसी काम से बाजार गए हुए थे, उस समय चंद्रपाल वर्मा के घर में कोई में मौजूद नहीं था। बता दें कि चंद्रपाल वर्मा के सदस्यों ने जब बाजार से लौटने के बाद  देखा तो घर के बगल गलियारे में शिवकुमार वर्मा एक दरवाजा बनवा चुके थे और दूसरे दिन शुक्रवार को भी उसी गलियारे में दूसरा दरवाजा बना रहे थे। गलियारे में दूसरे दरवाजे को बनता देख चंद्रपाल वर्मा का धैर्य जबाब दे गया तो चंद्रपाल वर्मा ने पुलिस को डायल 112 पर फोन कर मामले की जानकारी दी। मामले की जानकारी मिलते ही डायल 112 ने आधे घंटे में पहुँचकर मौके पर देखा और चंद्रपाल द्वारा उस गलियारे के बारे में पहले हुए समझौते के दस्तावेज को देखते हुए शिवकुमार वर्मा द्वारा बनवाये जा रहे दरवाजे के काम बंद करा दिया। मालूम हो कि डायल 112 ने दोनों पक्ष को अपने- अपने दस्तावेज के साथ भादर थाने पहुँचने को कहा और बताया कि थाना प्रभारी जी आप दोनों पक्षों को जो कहेंगे वही करना होगा, पुलिस का काम है विवाद पर रोक थाम लगाना न कि विवाद कराना। डायल 112 के उक्त बातों को मानते हुए दोनों पक्ष भादर थाने पहुँचे। दोनों पक्षों को सुनते व उनके दस्तावेज को देखते हुए भादर एसएचओ कृष्ण मोहन सिंह ने गलियारे में बना रहे शिवकुमार वर्मा को दोषी पाया। गौरतलब हो कि उक्त गलियारे के बारे में कुछ वर्ष पहले मकान निर्माण के दौरान हुए समझौते के मुताबिक भादर प्रभारी निरीक्षक कृष्ण मोहन सिंह ने कहा कि पहले भी इस मामले में समझौता कर चुके हो तो कम से कम उस समझौते पर अमल करो। समझौता पत्र के मुताबिक दोनों पक्ष इस गलियारे में दरवाजा नहीं बना सकते हो। दोनों पक्ष को समझाते हुए दोनों पक्ष के बीच पुनः उक्त समझौते के अनुसार एक नया समझौता प्रपत्र तैयार कराकर दोनों को समझा बुझाकर शिवकुमार वर्मा द्वारा गलत तरीके से बनाये जा दरवाजे को बंद करने का निर्देश दिया और भविष्य में इस तरह के विवाद न करने का व दरवाजे आदि के निर्माण न करने का सुझाव दिया। प्रभारी निरीक्षक एसएचओ द्वारा निष्पक्ष रूप से कराए गए विवाद के निस्तारण की गांव में चर्चा है। ग्रामीणों का कहना है कि रामगंज एसएचओ कृष्ण मोहन सिंह की तरह अगर हर थाने पर निष्पक्ष व न्यायप्रिय इंस्पेक्टर या एसओ हो जाएं तो बहुत कम ही मामले,कचहरी व न्यायालय में पहुँचे। बता दें कि एसएचओ के निष्पक्ष व न्यायप्रिय कार्यशैली की ग्रामीणों द्वारा काफी सराहना की गई।

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