बाराबंकी। छह साल की मासूम के जीवन को कुचल देने वाले दुष्कर्मी बसंतू उर्फ बसंत लाल को विशेष अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), कोर्ट संख्या 44 प्रण विजय सिंह ने 20 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।यह फैसला सिर्फ एक अभियुक्त के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज में बेटियों की सुरक्षा की उम्मीद जगाने वाला कदम है।यह दर्दनाक घटना 15 जुलाई 2019 की है। हैदरगढ़ क्षेत्र में खेतों में भैंस चरा रही छह साल की बालिका को उसी के गांव के बसंतू ने बहला-फुसलाकर एकांत स्थान पर ले जाकर उसके साथ घिनौना कृत्य किया।बालिका की हालत गंभीर थी। परिजन जब पहुंचे, तो आरोपी भाग निकला।
मासूम को हैदरगढ़ सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया। बचपन की मासूमियत तब खून से लथपथ थी और आंखों में भय३ विशेष लोक अभियोजक अजय सिंह व पुरुषोत्तम मिश्रा ने बताया कि पीड़िता और परिजनों ने कोर्ट में साहस और सच्चाई के साथ बयान दिए।गवाही और तथ्यों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को दोषी ठहराया।न्यायाधीश ने माना कि अपराध न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि मासूम की जिंदगी पर अमिट दाग है।कोर्ट ने आदेश में कहा कि 20 हजार रुपये की पूरी राशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी।यदि अभियुक्त यह राशि जमा नहीं करता तो उसे एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।सजा में जेल में बीती अवधि को समायोजित किया जाएगा। यह फैसला उन तमाम परिवारों के लिए आशा की किरण है जो न्याय के लिए वर्षों लड़ते हैं।