लखनऊ। राजधानी लखनऊ से सटे बीकेटी तहसील क्षेत्र का नगवामऊ गांव इन दिनों भीषण गंदगी और जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। गांव में सड़क किनारे नाली व खड़ंजा न होने और ग्रामीणों द्वारा घूर-गोबर एक जगह इकट्ठा करने से गंदगी का बड़ा ढेर लग गया है, जिससे ग्रामीण खासे परेशान हैं। इस गंभीर स्थिति के लिए ग्रामीण सीधे तौर पर ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं तालाब खुदाई पर समस्या के समाधान के तौर पर, गांव के निवासियों का एक बड़ा तबका सड़क किनारे तालाब खुदवाने की मांग कर रहा है। उनका तर्क है कि तालाब बनने से बारिश और कीचड़ का पानी उसमें समा जायेगा। इससे न केवल घरों में पानी भरने की समस्या खत्म होगी, बल्कि किसानों के खेतों में भी जलभराव से निजात मिलेगी और खेती में सुविधा होगी। ग्रामीणों का मानना है कि यह कदम पूरे गांव के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। हालांकि, गांव के कुछ निवासी इस तालाब खुदाई का सख्त विरोध कर रहे हैं, जिससे ग्रामीण काफी नाराज हैं। नाराज ग्रामीणों का कहना है कि कुछ लोग निजी स्वार्थ के चलते गांव के विकास और जनहित के इस कार्य को जानबूझकर रोक रहे हैं। उनका मानना है कि तालाब बनने से घरों में पानी घुसने की समस्या से मुक्ति मिलेगी और गांव में गंदगी व जलभराव से पनपने वाली हजारों बीमारियों और मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों का खतरा कम होगा।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान की निष्क्रियता के कारण ही यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है। उनकी लापरवाही से न तो नालियां बनीं और न ही गंदगी प्रबंधन पर ध्यान दिया गया। अब जब समाधान की बात आ रही है, तब भी उनमें कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है। नगवामऊ के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप कर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने और तालाब खुदाई के पक्ष में निर्णय लेने की अपील की है, ताकि गांव को गंदगी और बीमारियों के खतरे से मुक्ति मिल सके और विकास का मार्ग प्रशस्त हो।