उत्तराखंडः आजीविका मिशन से जुडकर आत्मनिर्भर बनी सोरना गांव की निशा
June 06, 2025
देहरादून। विकासनगर के ग्राम सोरना में बदरीनाथ स्वयं सहायता समूह से जुडी महिला निशा की सफलता आज समाज के लिए प्रेरणादायक है। सक्रिय महिला के रूप में निशा ने डेरी का कार्य कर स्वयं की ही नहीं, बल्कि समूह से जुडी अन्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (छत्स्ड) से जुडकर महिला समूह आर्थिक रूप से सशक्त बनकर आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर है।
सोरना गांव में निशा ने बदरीनाथ स्वयं सहायता समूह से जुडकर अक्टूबर 2023 में डेरी के काम की शुरुआत की। इस समूह में कुल 10 महिलाएं है, जिनमें से कुल 08 महिलाएँ डेरी का काम कर रही है, जिसमें वह पनीर, धी, मक्खन, दही बना कर लोकल दुकानों में सप्लाई करती है। महिलाओ की व्यक्तिगत मासिक आय नही थी। सभी महिलायें पारिवारिक आय पर ही निर्भर थी। कार्य प्रारम्भ करने के पश्चात वित्तीय समस्या एवं उत्पादों की बिक्री करने में अनेक समस्याओं से सामना भी हुआ। लेकिन समूह में सक्रिय सदस्य निशा लगातार अन्य महिलाओं को प्रेरित करती रही। महिलाओं ने समूह से जुडने के बाद बचत कर स्वंय की धनराशि जमा करने पर सक्षम हुई एवं कार्य करने हेतु एनआरएलएम में वित्तीय सहायता प्राप्त की। आज समूह की महिलाओं द्वारा डेरी का कार्य कर प्रति महिला 4 हजार से 12 हजार तक आय अर्जित की जा रही है। जिससे महिलाओ की आय में वृद्धि हुई है और वर्तमान में केवल निशा ही नहीं समूह की अन्य महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनी है।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने बताया कि आजीविका गतिविधियों में लगे इस समूह को जिला प्रशासन ने एनआरएलएम से जोडकर आरएफ, सीसीएल और सीआईएफ का लाभ देकर वित्तीय सहायता की गई, जिससे इनके द्वारा तैयार मिल्क उत्पादों की बिक्री में भी सहायता मिली। समूह में जुडने के पश्चात् समूह की ग्रेडिंग कर रू0 15000ध्- का रिवाल्विंग फण्ड दिया गया तथा समूह का माइक्रो क्रेडिट प्लान तैयार कर समूह को रू0 75000ध्- सीआईएफ की धनराशि उपलब्ध करायी गई।
छत्स्ड समूह से जुड़ी ये महिलाएं आज न केवल अपने परिवार का सहारा बन रही हैं, बल्कि अच्छी आजीविका अर्जित कर समाज के लिए एक मिसाल भी पेश कर रही हैं।