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भारत से बड़ी संख्या में पाकिस्तान रवाना हुए सिख श्रद्धालु


भारत के बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं का जत्था बैसाखी के पावन पर्व पर पाकिस्तान में गुरुधामों के दर्शन करने के लिए रवाना हुआ है. एसजीपीसी (SGPC) की ओर से सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था अटारी-बाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ. सिख श्रद्धालुओं के ये जत्थे पाकिस्तान में कई ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन भी करेंगे.

शरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के मुख्य कार्यालय से आज यानी गुरुवार (10 अप्रैल) को सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था पाकिस्तान के लिए रवाना हो गया. यह जत्था पाकिस्तान में बैसाखी का पावन पर्व मनाकर और विभिन्न ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन करने के बाद अगले हफ्ते शनिवार (19 अप्रैल) को वापस भारत लौट आएंगे.

शरोमणि गुरद्वारा कमिटी के मुख्य कार्यालय से पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले सिख श्रद्धालुओं के जत्थे ने पूरी श्रद्धा के साथ गुरु के जयकारे लगाए. श्रद्धालुओं के जयकारों की गूंज से पूरा इलाके भक्तिमय हो गया. इसके बाद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से जत्था पार्टी लीडर के गले में सिरोपाऊ पहनाया गया और फिर जयकारों की गूंज के साथ ही जत्थे को रवाना किया गया.

SGPC के एक सदस्य रविंदर सिंह खालसा ने कहा कि सिख श्रद्धालुओं की यह पाकिस्तान यात्रा करीब 10 से 12 दिन की होगी. जिसके बाद सभी श्रद्धालु अगले सप्ताह वापस लौट आएंगे. इस दौरान सभी सिख श्रद्धालु सीमा पार गुरुद्वारा करतारपुर साहिब, गुरुद्वारा पंजा साहब, गुरुद्वारा डेरा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब समेत अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन करेंगे.

रविंदर सिंह खालसा ने कहा कि शरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी की ओर से करीब 2,000 श्रद्धालुओं के पासपोर्ट वीजा जारी करने के लिए भेजे गए थे और पाकिस्तान की ओर से सभी पासपोर्ट पर वीजा जारी कर दिया गया. पाकिस्तान के इस कदम से श्रद्धालु के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. वहीं, SGPC के अलावा कई अन्य जत्थे भी पाकिस्तान जा रहे हैं. ऐसे में कुल यात्रियों की संख्या करीब 7,000 के करीब है. जिनके पाकिस्तान में दाखिल होने के लिए पाकिस्तान ने वीजा जारी कर दिया है.

लेकिन इस बीच एक सवाल भी लोगों के मन में है कि क्या पाकिस्तान में इतने सारे लोगों के लिए उचित प्रबंध हैं. इस पर रविंदर सिंह खालसा ने कहा कि यह तो पाकिस्तान में जाकर ही पता चलेगा कि वहां पर इतने प्रबंध हैं भी या नहीं.

रविंदर सिंह खालसा ने आगे कहा, “बैसाखी के इस पावन मौके पर पाकिस्तान में अपने गुरुधामों के दर्शन करने वाले जत्थे का हिस्सा बने श्रद्धालु अपने आपको खुश किस्मत बता रहे थे. श्रद्धालुओं का कहना है कि हर सिख के लिए अपने बिछड़े गुरुधाम का दर्शन करना सबसे बड़ा दिन होता है और वह सभी आज अपने गुरुधामों के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं, इससे वह बेहद खुश हैं.”

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