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बिल नहीं लाते तो संसद भी वक्फ की संपत्ति होती-किरेन रिजिजू


संसद में मोदी सरकार का आज वक्फ पर टेस्ट है। लोकसभा में आज वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा शुरू करते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक में वक्फ बोर्ड के किसी भी धार्मिक काम में सरकार की ओर किसी हस्तक्षेप की योजना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली के एयरपोर्ट और वसंत विहार पर भी अपना दावा पेश किया था। बिल नहीं लाते तो संसद भी वक्फ की संपत्ति होती। हम किसी मस्जिद के मैनेजमेंट को नहीं छेड़ेंगे।

रिजिजू ने अपने भाषण के दौरान कुछ पुराने दस्तावेजों का उल्लेख करते हुए कहा कि संसद की बिल्डिंग पर भी वक्फ ने क्लेम किया। इस पर विपक्ष की तरफ से आपत्ति जताई गई। रिजिजू ने कहा कि मैं दस्तावेजों के आधार पर कह रहा हूं। रिजिजू ने कहा कि अगर यूपीए की सरकार कंटीन्यू रहती तो ये लोग न जाने कितनी संपत्तियां वक्फ को दे देते।

जब रिजिजू ने कहा कि हम किसी भी मस्जिद के संचालन में हस्तक्षेप करने नहीं जा रहे तब विपक्ष की ओर से किसी ने टिप्पणी की। स्पीकर ओम बिरला ने टोकते हुए नसीहत दी कि भारत की संसद में बैठे हो, गरिमा का ध्यान रखो। किसी भी व्यक्ति को बैठे-बैठे टिप्पणी का अधिकार नहीं है। किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि ये मस्जिद या धार्मिक क्रियाकलापों से जुड़ा मामला नहीं है। ये बस एक संपत्ति के मैनेजमेंट से जुड़ा विषय है। कोई मुसलमान जकात देता है तो उसे पूछने वाले हम कौन होते हैं। हम तो बस उसके मैनेजमेंट से जुड़ी बात कर रहे हैं। इसका धार्मिक व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है।

चर्चा को आगे बढ़ाते हुए सत्ता पक्ष की ओर से बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वह जिस राज्य बिहार से आते हैं तो वहां बहुत बड़ी संख्या में गरीब मुस्लिम रहते हैं। उनके कल्याण के लिए सरकार यह बिल लाई है। इससे गरीब मुस्लिमों का कल्याण होगा।

उन्होंने कहा, ''मुझे तो समझ नहीं आ रहा कि विपक्ष के मित्र कहना क्या चाहते हैं? वक्फ बिल में संशोधन होना चाहिए और नहीं भी होना चाहिए.. दोनों तर्क कैसे चलेगा? भारत के संविधान के मौलिक अधिकार में धारा 15 है, जिसमें लिखा है कि महिलाओं के साथ कोई भेद नहीं होगा और अगर सरकार नए बिल में महिलाओं के अधिकार के लिए कानून ला रही है तो सरकार का यह कदम गैर संवैधानिक कैसे हो गया?'' प्रसाद ने कांग्रेस के संविधान की लाल किताब दिखाने पर कहा कि आज मैं आपको संविधान की 'हरी किताब' दिखाऊंगा, जो संसद में रखी हुई है।

बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल को सदन के पटल पर रखा जिसके बाद बिल पर चर्चा जारी है। विपक्ष की ओर कांग्रेस से उप नेता गौरव गोगोई ने इस चर्चा की शुरुआत की। कांग्रेस इस बिल को लेकर आपत्ति जता रही है तो वहीं बीजेपी इस बिल को ऐतिहासिक बदलाव बता रही है।

स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया है जिसमें से NDA को 4 घंटे 40 मिनट दिए गए हैं। बाकी 3 घंटे 20 मिनट का वक्त विपक्ष को मिला है। हालांकि विपक्ष ने चर्चा के लिए 12 घंटे का वक्त मांगा है। इस पर रिजिजू का कहना है कि चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है।

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