सूरतगंज/बाराबंकी। भूमि विवाद की शिकायत का निस्तारण करने गई राजस्व व पुलिस टीम पर ग्रामीणों द्वारा हमला किए जाने के मामले में पुलिस ने मनबढ़ पिता-पुत्र सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मंगलवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया। वहीं शांति भंग की आशंका में सात महिलाओं सहित करीब एक दर्जन लोगों को पाबंद किया गया है।
छेदा गांव निवासी झल्लू ने बंजर घुर गड्ढे की भूमि पर कब्जे की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल और सम्पूर्ण समाधान दिवस में की थी। शिकायत के आधार पर तहसीलदार वैशाली अहलावत ने कानूनगो जगतराम वर्मा, लेखपाल हिमांशु वर्मा और चैकी प्रभारी अरुण सिंह को नाप-जोख के लिए गांव भेजा था।सोमवार दोपहर निरीक्षण के दौरान विपक्षी पक्ष रामनरायन और उसके समर्थक विरोध पर उतर आए। समझाने के बावजूद भीड़ शांत नहीं हुई। इसी बीच रामनरायन का पुत्र अनिल उर्फ नीला बाइक लेकर आया और चैकी प्रभारी अरुण सिंह पर बाइक चढ़ा दी। टक्कर लगते ही चैकी प्रभारी बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें तत्काल सीएचसी फतेहपुर भेजा गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।
घटना की सूचना पर सीओ फतेहपुर और कोतवाल आशुतोष मिश्रा मौके पर पहुंचे। चैकी प्रभारी की तहरीर पर रामनरायन, उसके पुत्र अनिल उर्फ नीला, सुनील और पलटू के खिलाफ हत्या के प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट और जान से मारने की धमकी सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। घटना के बाद भाग रहे पिता-पुत्र और सुनील को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि पलटू की तलाश जारी है। आरोपित अनिल का आपराधिक इतिहास पहले भी सामने आ चुका है।
मंगलवार को पुलिस ने रामनरायन, सुनील और अनिल उर्फ नीला को न्यायालय में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया।
सूरतगंज क्षेत्र में पुलिस पर हमले की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। छेदा चैकी इंचार्ज पर हमला, डायल-100 पर खनन रोकने के दौरान फायरिंग, लालपुर चैकी इंचार्ज पर हमला तथा सूरतगंज चैकी को आग लगाने जैसी घटनाएं इसी क्षेत्र में दर्ज हैं। कई मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप और साक्ष्यों के अभाव में आरोपित दोषमुक्त भी हो चुके हैं।
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