लालू परिवार में बवाल की असली वजह आई सामने, तेजस्वी पर लगे गंभीर आरोप
November 16, 2025
बिहार चुनाव में करारी हार के बाद लालू परिवार में तनाव खुलकर सामने आ गया है. परिवार के भीतर आरोप-प्रत्यारोप का दौर इतना बढ़ गया कि तेजस्वी यादव और उनकी बहन रोहिणी आचार्य के बीच गहरी तकरार हो गई. सूत्रों के मुताबिक, परिवारिक बहसबाजी के दौरान तेजस्वी ने रोहिणी पर ताना मारा-'तुम तो बहुत खुश हो रही होगी, जो तुम चाहती थी वो हो गया.' इसके जवाब में रोहिणी भड़क उठीं और कहा-'जिस तरह तुम घर की बेटी का अपमान कर रहे हो, तुम्हें मेरी बद्दुआ लगेगी.'
सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने घर में हुई गरमागरम बहस के दौरान बिहार चुनाव में हार की जिम्मेदारी रोहिणी पर डाल दी. रोहिणी सिंगापुर से पटना आईं और प्रचार में हिस्सा लेना चाहती थीं, लेकिन उन्हें सीमित जगहों पर ही भेजा गया. सारण में भी उन्हें सिर्फ एक दिन, वह भी अखिलेश यादव की रैली के दौरान बुलाया गया. इसके बावजूद तेजस्वी द्वारा हार का ठीकरा उन पर फोड़ना रोहिणी को नागवार गुजरा.
विवाद इतना बढ़ गया कि तेजस्वी ने रोहिणी से कटाक्ष करते हुए कहा-'तुम तो बहुत खुश हो रही होगी, जो तुम चाहती थी वो हो गया.' इस पर रोहिणी ने कड़ा जवाब दिया-
'तुम जैसा व्यवहार कर रहे हो, मेरे दिल से बद्दुआएं निकल रही हैं. अभी और देखना मेरी बद्दुआ लगेगी तुम्हें.'
विवाद चरम पर पहुंचने के बाद रोहिणी आचार्य शनिवार देर रात रोते हुए राबड़ी आवास छोड़कर निकल गईं. पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने पत्रकारों से कहा- 'मेरा कोई परिवार नहीं है. उन्होंने ही मुझे परिवार से निकाला है. दुनिया सवाल कर रही है कि पार्टी का ऐसा हाल क्यों हुआ, लेकिन इन्हें जिम्मेदारी नहीं लेनी है.'
तेजस्वी और रोहिणी के बीच जब कल तीखी बहस हुई, उस समय घर पर लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, रेचल सहित पूरा परिवार मौजूद था. माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि जब रोहिणी घर छोड़ने लगीं, तो लालू और राबड़ी दोनों भावुक हो गए. परिवार की सभी बहनें इस विवाद में रोहिणी के साथ खड़ी दिखीं और तेजस्वी के खिलाफ नजर आईं.
रोहिणी ने तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव और रमीज पर दबाव डालने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा-'ये सवाल अब तेजस्वी यादव से पूछिए. सवाल पूछोगे तो गाली दी जाएगी, चप्पल से मारा जाएगा.
लालू परिवार में यह पहली बार नहीं है जब अंदरूनी कलह सतह पर आई हो. इसी साल 25 मई को लालू प्रसाद ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाल दिया था. तेज प्रताप ने भी इसका ठीकरा संजय यादव पर ही फोड़ा था.
