बलिया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को ब्रिजटाउन बारबाडोस में 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में श्नेशनल पार्लियामेंट्स वर्सिस प्रोवेंसियल, टैरीटोरियल, डिवॉल्ड लेजिसलेचरश् विषय पर आयोजित सत्र में भाग लिया। अपने संबोधन में उपसभापति ने विभिन्न देशों के प्रतिभागियों को भारत के संघीय ढांचे की प्रमुख विशेषताओं और कुछ संवैधानिक उपबंधों के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया।
यह सत्र विभिन्न राष्ट्रमंडल देशों में विकेंद्रीकरण की संरचना को चिन्हित करने, राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय विधानमंडलों के बीच संतुलन पर ध्यान केंद्रित करने तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर केंद्रित था।
अपने भाषण में उपसभापति ने भारतीय संविधान की अनुसूची टप्प् में उल्लिखित संघीय संतुलन और राष्ट्रीय एवं राज्य सरकारों के बीच राजकोषीय हस्तांतरण के प्रबंधन में उत्तरोत्तर वित्त आयोगों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि, ष्शक्तियों के पृथक्करण की रक्षा करना न केवल एक संवैधानिक आवश्यकता है, बल्कि यह सम्मान, संवाद और सामंजस्य की राजनीतिक संस्कृति को भी बढ़ावा देती है।ष्
संविधान में निहित शक्तियों के औपचारिक पृथक्करण के अलावा, कुछ सरकारी निकाय भी हैं जो जीवंत चर्चाओं को सुगम बनाते हैं और संघवाद की सहयोगात्मक भावना को प्रोत्साहन देते हैं। उदाहरण के लिए, नीति आयोग शासी परिषद राष्ट्रीय विकास एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करती है।
अपने बात को समाप्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का अनुभव यह दर्शाता है कि संघीय उपबंधों की रक्षा करते हुए भी विविधता में एकता संभव है। भारत की यह यात्रा लोकतांत्रिक ढाँचे के भीतर समतापूर्ण क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहन देने में अन्य देशों के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य कर सकती है।
इस सम्मेलन के दौरान लोकसभा अध्यक्ष और विभिन्न संसद सदस्यों से परिपूर्ण प्रतिनिधिमंडल ने प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने, जलवायु परिवर्तन, वित्तीय पारदर्शिता आदि विषयों से संबन्धित विभिन्न कार्यशालाओं में भाग लिया। इस सम्मेलन का विषय श्द कॉमनवैल्थरू अ ग्लोबल पार्टनरश् है। इस सम्मेलन के अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भी बातचीत की।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कर रहे हैं। उन्होंने जमैका, ऑस्ट्रेलिया, जाम्बिया और बारबाडोस के प्रतिनिधिमंडलों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। उपसभापति के अलावा, संसद सदस्य श्री अनुराग शर्मा, डॉ. दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, डॉ. के. सुधाकर, डा. अजित माधवराव गोपछड़े, रेखा शर्मा और विभिन्न राज्यों के पीठासीन अधिकारी भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
