सुल्तानपुर। गोसाईगंज थाने की पुलिस द्वारा बस चालक व परिचालक से मारपीट के मामले में मनमाने तरीके से लूट व बरामदगी की धारा लगाने पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। प्रभारी रिमांड मजिस्ट्रेट राधिका राज की अदालत ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को अपर्याप्त मानते हुए लूट की धारा में रिमांड लेने से इनकार कर दिया। अदालत के निर्देश पर विवेचक को विवश होकर यह धारा हटानी पड़ी, जिसके बाद आरोपियों को सामान्य धाराओं में रिमांड पर भेजा गया।
घटना तीन अक्टूबर की है, जब अयोध्या-प्रयागराज हाइवे पर सैदपुर-टांटिया नगर के पास लालगंज-अझारा डिपो की बस के चालक संतोष कुमार माली व परिचालक विशेष प्रताप यादव से कुछ युवकों की कहासुनी और मारपीट हुई थी। चालक ने टिकट मशीन लूटने का आरोप लगाते हुए अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सैदपुर निवासी सुरेश निषाद, सुरजीत निषाद, मनीष उर्फ मनेश निषाद व शिमला निषाद को गिरफ्तार कर टिकट मशीन की बरामदगी दिखाई और उन पर लूट की धाराएं लगा दीं।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत में पुलिस कार्रवाई पर आपत्ति जताई और साक्ष्य को कमजोर बताया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि पुलिस द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का पर्याप्त आधार नहीं है। फलस्वरूप लूट व बरामदगी की धाराएं हटा दी गईं। अब आरोपियों को सामान्य धाराओंकृमारपीट व क्षति पहुंचाने के आरोप में जेल भेजा गया है।
इस प्रकरण से एक बार फिर सुल्तानपुर पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया हैं । अभियुक्तों के परिजनों का कहना है कि पुलिस निष्पक्षता से जांच नहीं कर रहे है । जिसके कारण सुल्तानपुर पुलिस पर बड़े सवाल खड़े हुए हैं।
