दिवाली पर पटाखों के कारण बढ़ गई है आंखों में जलन की समस्या, सांस लेने में हो रही है परेशानी
October 21, 2025
दिवाली खुशियों का त्यौहार है, लेकिन इस दौरान जलाए जाने वाले पटाखे कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन जाते हैं। पटाखों की वजह से आंखों में जलन और सूजन की परेशानी का समाना करना पड़ रहा है। वहीं प्रदूषण बढ़ने से सांस की परेशानी बढ़ जाती है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो दमा या अस्थमा के मरीज हैं। ऐसे में चलिए डॉक्टर से जानते हैं बचाव के लिए क्या करें?
पटाखों के धुआं से आंखों में क्यों होती है जलन?
ग्वालियर स्थित रतन ज्योति नेत्रालय के संस्थापक और निदेशक, एमबीबीएस, डॉ. पुरेंद्र भसीन, कहते हैं कि पटाखों से निकलने वाला धुआं और रासायनिक कण हवा में घुलकर प्रदूषण बढ़ाते हैं, जिससे सबसे अधिक असर आंखों और सांस पर पड़ता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और भारी धातुओं जैसे रसायनों से भरा होता है। जब ये तत्व हवा में मिलते हैं तो स्मॉग बनता है, जो आंखों की नाजुक झिल्ली और श्वसन तंत्र पर सीधा प्रभाव डालता है। एलर्जी या अस्थमा के मरीजों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक साबित हो सकती है।
आंखों की जलन से बचाव के लिए क्या करें?
आंखों की जलन से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि आप प्रदूषित वातावरण में ज्यादा देर तक न रहें। घर से बाहर निकलते समय चश्मा या सुरक्षात्मक गॉगल्स पहनें ताकि धूल और धुएं से आंखों की सुरक्षा हो सके। अगर आंखों में जलन महसूस हो, तो ठंडे पानी से बार-बार धोएं और आंखों को रगड़ने से बचें। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा सुझाई गई लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का उपयोग करें।
सांस की परेशानी वाले लोग रखने ख़ास ध्यान
सांस की परेशानी वाले लोगों को दिवाली के समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। पटाखों के धुएं से बचने के लिए मास्क पहनना लाभदायक रहता है। घर में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें और खिड़कियां- दरवाजे बंद रखें ताकि धुआं अंदर न आ सके। हल्का भाप लेना, गुनगुने पानी का सेवन करना और नमक के पानी से गरारे करना भी फेफड़ों को साफ रखने में मदद करता है। अगर जलन, खांसी या सांस फूलने की समस्या लगातार बनी रहे, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

 
 
 

