चीफ जस्टिस गवई की तरफ जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर पर चलेगा अवमानना का मुकदमा
October 16, 2025
चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (CJI BR Gavai) की तरफ जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर पर आपराधिक अवमानना का मुकदमा चलेगा. कुछ वकीलों ने नियमों के मुताबिक अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी से इसकी सहमति मांगी थी. अटॉर्नी जनरल ने सहमति दे दी है. कोर्ट ने दीवाली की छुट्टियों के बाद मामला सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया है.
गुरुवार, 16 अक्टूबर को मामला चीफ जस्टिस के बाद वरिष्ठता क्रम में दूसरे जज जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने रखा गया. बेंच में जस्टिस जोयमाल्या बागची भी शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ वकील विकास सिंह और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एक साथ बेंच के सामने पेश हुए. उन्होंने बेंच को जानकारी दी कि अटॉर्नी जनरल ने कार्यवाही की अनुमति दे दी है.
इस पर जजों ने सवाल उठाया कि क्या इस मुद्दे को और आगे बढ़ाना जरूरी है? जस्टिस सूर्य कांत ने कहा, 'चीफ जस्टिस ने उदारता दिखाते हुए खुद इस मामले में कोई कार्रवाई न करने की बात कही. यह दिखाता है कि सुप्रीम कोर्ट के सम्मान पर इस घटना से कोई असर नहीं पड़ा.' इस पर सिंह और मेहता ने कहा कि जिस तरह से सोशल मीडिया पर इस घटना को दिखाया जा रहा है, वह निश्चित रूप से न्यायपालिका के सम्मान पर असर डालता है.
बेंच ने कहा कि अगर इस मामले को नए सिरे से उठाया गया तो यह भी सोशल मीडिया पर नई चर्चाओं को जन्म देगा. इस पर विकास सिंह ने कहा, 'उस व्यक्ति ने कोई पछतावा नहीं दिखाया. इसके उलट वह लगातार अपने कृत्य पर गर्व जताते हुए बयान दे रहा है. इन बातों की उपेक्षा नहीं की जा सकती.'
6 अक्टूबर 2025 की सुबह लगभग 11:35 बजे वकील राकेश किशोर ने सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में अपना जूता उतारकर मुख्य न्यायाधीश की तरफ फेंका था. वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उन्हें हिरासत में ले लिया. कोर्ट रजिस्ट्री की तरफ आधिकारिक रूप से कोई शिकायत न मिलने के चलते दिल्ली पुलिस ने बाद में वकील को छोड़ दिया. हालांकि, वकीलों की सर्वोच्च नियामक संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपनी तरफ से कार्रवाई करते हुए राकेश किशोर को वकालत से निलंबित कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी उनकी सदस्यता रद्द कर दी है.