प्रतापगढ़/बाबागंज। लखनऊ से चला बजट अधिकारियों एवं नेताओं की कमीशनखोरी के कारण बेल्हा में आकर धड़ाम हो जाता है। इसका यदि नमूना देखना हो तो इसको नगर पंचायत हीरागंज में देखा जा सकता है, जहाँ नौनिहालों के लिए निर्माणाधीन किचनशेड एवं पुस्तकालय के निर्माण में बहुत ही घटिया निर्माण सामाग्री का प्रयोग किया जा रहा है। सबसे मजे की बात तो यह है कि निर्माण स्थल पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का आवागमन बना रहता है लेकिन ठेकेदार पर उसका भी कोई प्रभाव नही पड़ रहा है।
बाबागंज ब्लाक के हीरागंज नगर पंचायत में बीआरसी केंद्र परिसर में करीब एक करोड़ की लागत से कीचेनशेड एवं पुस्तकालय का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें ठेकेदार द्वारा बहुत ही घटिया निर्माण सामाग्री का प्रयोग किया जा रहा है। कार्यदाई संस्था सी.एन.डी.एस.द्वारा जिन ईटो का प्रयोग किया जा रहा है वो अधपकी एवं कच्ची है तथा वाहन से उतारते ही टूट जा रही हैं।बालू में सीमेंट मिलाने के बजाय उसका छिड़काव करके मसाला बनाया जा रहा है। बालू की क्वालिटी भी एकदम घटिया है। मजे की बात तो यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग के ब्लाक स्तर के सबसे बड़े अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारी का ऑफिस भी उसी परिसर में हैं लेकिन मनबढ़ ठेकेदार का उस पर भी कोई प्रभाव नही पड़ रहा है। लखनऊ की कंपनी द्वारा ठेका लेने का असर बेल्हा के अधिकारियों पर भी दिख रहा है। जिसके कारण वे भी सकते में हैं और पूर्ण विवरण तथा कार्यवाही करने में कन्नी काट रहें हैं। इस संबंध में बीईओ बाबागंज आशीष कुमार मिश्र का कहना है कि सूचना बीएसए को दे दी गई और उन्होंने जांच टीम गठित कर दी है लेकिन जिस तरह से ठेकेदार का प्रभाव है, शायद ही कोई कार्यवाही हो?।
