लखनऊ । राजधानी लखनऊ के ग्रामीण मंडल चतुर्थ से संबंधित अवर अभियंता बिजनौर आशुतोष श्रीवास्तव का निलंबन विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है ऐसा नहीं है किसी अधिकारी का पहली बार निलंबन हुआ है परंतु जिस प्रकार यह निलंबन किया गया उसने विवादों और चर्चाओं को जन्म दिया मनमाफिक रिपोर्ट बनवाकर किया निलंबनअधिशासी अभियंता नादरगंज द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में शिकायत करने वाले उपभोक्ता के आपसी विवाद का उल्लेख करते हुए अवर अभियंता को क्लीन चिट दी गई थी। परंतु इससे पूर्व कई तरह के आरोपों से घिरे अवर अभियंता अंगद कुमार के निलंबन में आशुतोष श्रीवास्तव की कथित भूमिका से अधीक्षण अभियंता रुष्ट थे। अधिशासी अभियंता नादरगंज द्वारा प्रेषित की गई रिपोर्ट में मामला बनता ना देख उन्होंने संशोधित रिपोर्ट बनवाकर अवर अभियंता आशुतोष को निलंबित कर दिया 50000 सुविधा शुल्क लेने का लगा आरोपसूत्रों के अनुसार आशुतोष पर लगे आरोप एवं प्रचलित जांच के उपरांत होने वाली कार्यवाही का भय दिखाकर अधीक्षण अभियंता द्वारा 100000 सुविधा शुल्क की मांग की गई जिस पर अवर अभियंता द्वारा असमर्थता जताते हुए 50000 दिए गए 300000 लेकर दे दिया अभयदान। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दूसरी तरफ दुबग्गा खंड अंतर्गत कबीर नगर उपकेंद्र के अवर अभियंता द्वारा बकाया दार उपभोक्ताओं के परिसर पर सुविधा शुल्क लेकर संयोजन जारी किए जाने,मामला मीडिया में चलने पर खबरें प्रकाशित होने पर संविदा कर्मचारियों की नौकरी से छुट्टी कर मामले पर पर्दा डालने, अविकसित क्षेत्रों में लंबी दूरी का संयोजन दिए जाने, प्लाटिंग एरिया में बगैर प्राक्कलन के संयोजन दिए जाने विद्युत उपकेंद्र के स्विच रूम में टेंट लगाकर दावत पार्टी किए जाने तमाम मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में सुविधा शुल्क प्राप्त कर सीधे लाइन जुड़वा कर संयोजन दिए जानेजैसे तमाम आरोपों को नजरअंदाज कर अभय दान दे दिया गया 4 दिन में मांगी गई थी रिपोर्ट 60 दिन लटकायातत्कालीन मुख्य अभियंता अमौसी जोन रजत जुनेजा द्वारा मामले का संज्ञान लेकर अधीक्षण अभियंता वृंदावन मनोज कुमार गुप्ता एवं अधीक्षण अभियंता ग्रामीण मंडल भविष्य कुमार सक्सेना से 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया। अधीक्षण अभियंता के दबाव में लगभग दो माह बीत जाने के उपरांत अधिशासी अभियंता द्वारा वितरण एवं परीक्षण खंड द्वारा रिपोर्ट प्रेषित की गई । अवर अभियंता को फास्ट देख संशोधित करवा दी रिपोर्ट दिनांक सितंबर में अधिशासी अभियंता द्वारा प्रेषित की गई रिपोर्ट मैं स्पष्ट रूप से फर्जी मीटर प्रकरण में बकाया राजस्व का नुकसान उपभोक्ता से अवैध वसूली सहित पर्यवेक्षणीय लापरवाही का दोषी मानते हुए अवर अभियंता एवं उपखंड अधिकारी को दोषी बताया गया था रिपोर्ट को उलझा कर अवर अभियंता को बचाया अधीक्षण अभियंता सक्सेना द्वारा फर्जी मीटर मामले में वर्ष 2025 मे बकायदार उपभोक्ताओं के परिसर पर मीटर लगाए जाने वाले कार्मिकों को दोषी ना मानकर मीटर जारी करने वाले ठेकेदार, पूर्व में मीटर किस उपभोक्ता के परिसर पर लगा था वर्षों पूर्व कौन अवर अभियंता एवं उपखंड अधिकारी तैनात था।क्रमवार सभी का उल्लेख करा दिया गया इस प्रकार से इस जांच रिपोर्ट का परीक्षण अनंत काल तक जारी रहेगा पूर्व में भी चर्चित रहे हैं अधीक्षण अभियंताइलाहाबाद के मजा में अधिशासी अभियंता पद पर रहते हुए राइस मिल संचालक को अवैध रूप से लाभ पहुंचाने एवं राजस्व की क्षति के मामले में निलंबन किया जा चुका है महानगर अधिशासी अभियंता पद पर रहते हुए चेस्ट से कैश गायब होने के मामले में भी भूमिका संदिग्ध पाई गई हालांकि अजय वर्मा नामक कार्मिक पर मुकदमा दर्ज कराकर अपने आप को बचाने की कोशिश की सिफारिशों से चिढ़े प्रबंध निदेशक ने गोंडा स्थानांतरित कियातत्कालीन प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने अधिशासी अभियंता की भूमिका संदिग्ध होने के बावजूद दबाव बनाने शक्ति भवन से सिफारिश करवाने से तंग आकर सक्सेना का स्थानांतरण गोंडा कर दिया थास्पोर्ट्स का खिलाड़ी होने का मिला फायदा मध्यांचल खेल टीम में एक उत्कृष्ट खिलाड़ी होने के नाते शीर्ष प्रबंधन तक पैरवी के उपरांत गैर जनपद में नियुक्ति का समय पूर्ण होने से पहले ही पुनः लखनऊ स्थानांतरण कराने में कामयाब हो गए। लखनऊ एयरपोर्ट प्रकरण में भी रकम वसूली का लगा आरोप।अभी कुछ दिनों पूर्व ही अधिशासी अभियंता नादरगंज एवं अधीक्षण अभियंता ग्रामीण मंडल पर एयरपोर्ट क्षेत्र विकसित करने वाले समूह से ढाई करोड रुपए वसूलने अनुच्छेद लाभ पहुंचाने के आरोप लगे सोशल मीडिया पर वायरल खबरों का संज्ञान लेकर प्रबंधन द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया था।
लखनऊ: चहेतो पर रहम गैरो पर सितम...! विवादों में अवर अभियंता आशुतोष का निलंबनः 50000 लेकर निलंबन न करने का दिया था आश्वासन
October 06, 2025
लखनऊ । राजधानी लखनऊ के ग्रामीण मंडल चतुर्थ से संबंधित अवर अभियंता बिजनौर आशुतोष श्रीवास्तव का निलंबन विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है ऐसा नहीं है किसी अधिकारी का पहली बार निलंबन हुआ है परंतु जिस प्रकार यह निलंबन किया गया उसने विवादों और चर्चाओं को जन्म दिया मनमाफिक रिपोर्ट बनवाकर किया निलंबनअधिशासी अभियंता नादरगंज द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में शिकायत करने वाले उपभोक्ता के आपसी विवाद का उल्लेख करते हुए अवर अभियंता को क्लीन चिट दी गई थी। परंतु इससे पूर्व कई तरह के आरोपों से घिरे अवर अभियंता अंगद कुमार के निलंबन में आशुतोष श्रीवास्तव की कथित भूमिका से अधीक्षण अभियंता रुष्ट थे। अधिशासी अभियंता नादरगंज द्वारा प्रेषित की गई रिपोर्ट में मामला बनता ना देख उन्होंने संशोधित रिपोर्ट बनवाकर अवर अभियंता आशुतोष को निलंबित कर दिया 50000 सुविधा शुल्क लेने का लगा आरोपसूत्रों के अनुसार आशुतोष पर लगे आरोप एवं प्रचलित जांच के उपरांत होने वाली कार्यवाही का भय दिखाकर अधीक्षण अभियंता द्वारा 100000 सुविधा शुल्क की मांग की गई जिस पर अवर अभियंता द्वारा असमर्थता जताते हुए 50000 दिए गए 300000 लेकर दे दिया अभयदान। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दूसरी तरफ दुबग्गा खंड अंतर्गत कबीर नगर उपकेंद्र के अवर अभियंता द्वारा बकाया दार उपभोक्ताओं के परिसर पर सुविधा शुल्क लेकर संयोजन जारी किए जाने,मामला मीडिया में चलने पर खबरें प्रकाशित होने पर संविदा कर्मचारियों की नौकरी से छुट्टी कर मामले पर पर्दा डालने, अविकसित क्षेत्रों में लंबी दूरी का संयोजन दिए जाने, प्लाटिंग एरिया में बगैर प्राक्कलन के संयोजन दिए जाने विद्युत उपकेंद्र के स्विच रूम में टेंट लगाकर दावत पार्टी किए जाने तमाम मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में सुविधा शुल्क प्राप्त कर सीधे लाइन जुड़वा कर संयोजन दिए जानेजैसे तमाम आरोपों को नजरअंदाज कर अभय दान दे दिया गया 4 दिन में मांगी गई थी रिपोर्ट 60 दिन लटकायातत्कालीन मुख्य अभियंता अमौसी जोन रजत जुनेजा द्वारा मामले का संज्ञान लेकर अधीक्षण अभियंता वृंदावन मनोज कुमार गुप्ता एवं अधीक्षण अभियंता ग्रामीण मंडल भविष्य कुमार सक्सेना से 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया। अधीक्षण अभियंता के दबाव में लगभग दो माह बीत जाने के उपरांत अधिशासी अभियंता द्वारा वितरण एवं परीक्षण खंड द्वारा रिपोर्ट प्रेषित की गई । अवर अभियंता को फास्ट देख संशोधित करवा दी रिपोर्ट दिनांक सितंबर में अधिशासी अभियंता द्वारा प्रेषित की गई रिपोर्ट मैं स्पष्ट रूप से फर्जी मीटर प्रकरण में बकाया राजस्व का नुकसान उपभोक्ता से अवैध वसूली सहित पर्यवेक्षणीय लापरवाही का दोषी मानते हुए अवर अभियंता एवं उपखंड अधिकारी को दोषी बताया गया था रिपोर्ट को उलझा कर अवर अभियंता को बचाया अधीक्षण अभियंता सक्सेना द्वारा फर्जी मीटर मामले में वर्ष 2025 मे बकायदार उपभोक्ताओं के परिसर पर मीटर लगाए जाने वाले कार्मिकों को दोषी ना मानकर मीटर जारी करने वाले ठेकेदार, पूर्व में मीटर किस उपभोक्ता के परिसर पर लगा था वर्षों पूर्व कौन अवर अभियंता एवं उपखंड अधिकारी तैनात था।क्रमवार सभी का उल्लेख करा दिया गया इस प्रकार से इस जांच रिपोर्ट का परीक्षण अनंत काल तक जारी रहेगा पूर्व में भी चर्चित रहे हैं अधीक्षण अभियंताइलाहाबाद के मजा में अधिशासी अभियंता पद पर रहते हुए राइस मिल संचालक को अवैध रूप से लाभ पहुंचाने एवं राजस्व की क्षति के मामले में निलंबन किया जा चुका है महानगर अधिशासी अभियंता पद पर रहते हुए चेस्ट से कैश गायब होने के मामले में भी भूमिका संदिग्ध पाई गई हालांकि अजय वर्मा नामक कार्मिक पर मुकदमा दर्ज कराकर अपने आप को बचाने की कोशिश की सिफारिशों से चिढ़े प्रबंध निदेशक ने गोंडा स्थानांतरित कियातत्कालीन प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने अधिशासी अभियंता की भूमिका संदिग्ध होने के बावजूद दबाव बनाने शक्ति भवन से सिफारिश करवाने से तंग आकर सक्सेना का स्थानांतरण गोंडा कर दिया थास्पोर्ट्स का खिलाड़ी होने का मिला फायदा मध्यांचल खेल टीम में एक उत्कृष्ट खिलाड़ी होने के नाते शीर्ष प्रबंधन तक पैरवी के उपरांत गैर जनपद में नियुक्ति का समय पूर्ण होने से पहले ही पुनः लखनऊ स्थानांतरण कराने में कामयाब हो गए। लखनऊ एयरपोर्ट प्रकरण में भी रकम वसूली का लगा आरोप।अभी कुछ दिनों पूर्व ही अधिशासी अभियंता नादरगंज एवं अधीक्षण अभियंता ग्रामीण मंडल पर एयरपोर्ट क्षेत्र विकसित करने वाले समूह से ढाई करोड रुपए वसूलने अनुच्छेद लाभ पहुंचाने के आरोप लगे सोशल मीडिया पर वायरल खबरों का संज्ञान लेकर प्रबंधन द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया था।
