बाराबंकी। जनप्रतिनिधियों के विशेष प्रस्तावों से विकास के द्वार खुलेंगे। इसमें दो रेलवे पुल और प्रत्येक माध्यमिक विद्यालयों को सोलर से संतृप्त किया जाएगा। कल्याणी, नहरों पर पुल का निर्माण, बाईपास, सड़क चैड़ीकरण व नए मार्गों का विस्तार होगा। हाईटेक लाइब्रेरी, ओपन जिम बनाए जाएंगे। शासन से जल्द ही स्वीकृति मिल सकती है।
जिले में ऐसे 24 पुल हैं, जो काफी जर्जर हो चुके हैं। यहां लोग आने-जाने में डरते हैं। कुछ जगहों पर लकड़ी के पुल पर लोगों का जोखिम भरा सफर है। जनप्रतिनिधियों की मांग पर अब यहां नए सेतुओं का निर्माण होगा। कार्ययोजना बनाई जा चुकी है। कल्याणी, गोमती नदी, माइनर, खारजा और नहर पर पुल बनाए जाएंगे। 26 नए पुल भी बनाए जाने का प्रस्ताव है। 51 सेतुओं का निर्माण करीब 18 सौ करोड़ से अधिक होगा।
वहीं, जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर 141 सड़कों की मरम्मत की जाएगी। 18 मार्गों का चैड़ीकरण होगा। 13 मार्गों पर रोड सेफ्टी उपकरण लगाए जाएंगे। एक बाईपास बनाने के साथ ही 238 सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा। लगभग साढ़े पांच सौ किलो मीटर सड़क में 2970 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लोक निर्माण की ओर से कार्ययोजना शासन को भेजी जा चुकी है।
राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि विधानसभा दरियाबाद क्षेत्र में तीन पुल करीब 24 करोड़ की लागत से बनेंगे। कल्याणी नदी पर कुंवरपुर और पाराहाजी मार्ग को जोड़ा जाएगा। इसी नदी पर बाजपुर और सुलतानपुर जोड़ने के लिए पुल का निर्माण होगा। तीसरा पुल दरियाबाद में शाहपुर, मुरारपुर, कोटवा मार्ग पर प्रस्तावित है। कल्याणी नदी पर ग्रामीण लकड़ी का पुल बनाकर निकलते थे। वहीं, भिटरिया से हैदरगढ़ का चैड़ीकरण होगा। मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय बनेगा, जिसमें एक से 12 तक पढ़ाई होगी। सीएचसी और पीएचसी का कायाकल्प होगा।
एलएलसी अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने जनता के हित में काफी प्रस्ताव तैयार करवाए हैं। उनकी प्राथमिकता सबसे पहले स्कूल शिक्षा है। अब प्रत्येक माध्यमिक विद्यालयों को सोलर सिस्टर से संतृप्त किया जाएगा। छह करोड़ की कार्ययोजना बनाई गई है। माध्यमिक स्कूलों में बिजली का संकट खत्म होगा। बाराबंकी की तरह और भी राजकीय पुस्तकालय खोले जाएंगे। इस दिशा में कार्ययोजना बनाई जा रही है।
एमएलसी अंगद सिंह ने बताया कि सफदरगंज से बदोसराय मार्ग पर अयोध्या जाने वाली रेलवे ट्रैक पर पुल का निर्माण होगा। इसके अलावा गोंडा रेल ट्रैक पर रामनगर-महादेवा मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज बनाने की कार्ययोजना बनाकर भारत सरकार को भेजी गई है। जल्द ही उम्मीद है कि दोनों पुलों की स्वीकृति मिल सकती है।