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प्रतापगढः राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा !गहरौली, शाहपुर, प्रतापगढ़ में निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर का भव्य आयोजन


प्रतापगढ। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा (25 अगस्त से 8 सितंबर) के अवसर पर पंडित स्वामीनाथ शिक्षण संस्थान, गहरौली, शाहपुर, प्रतापगढ़ में युवा सामाजिक सेवा संस्थान के तत्वावधान में एक निःशुल्क नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य नेत्रदान के प्रति जागरूकता फैलाने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को निःशुल्क नेत्र जाँच की सुविधा प्रदान करना था।

कार्यक्रम में युवा सामाजिक संस्थान के आलोक शुक्ला, ऋषभ तिवारी, अभय पांडे, आयोजक हौसला प्रसाद मिश्र (पूर्व प्रधान, गहरौली), विद्यालय के व्यवस्थापक दुर्गेश मिश्रा, संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्य पंडित राकेश मिश्र, राजेंद्र ओझा, तौफीक अहमद, ध्रुव पांडे, अरुण यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। शिविर में 150 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिनमें से लगभग 20 प्रतिशत लोगों में मोतियाबिंद की समस्या पाई गई। इस अवसर पर कई लोगों ने नेत्रदान के लिए फॉर्म भी भरे, जिससे इस नेक कार्य को और बल मिला।

शिविर में उपस्थित नेत्र विशेषज्ञों ने बताया कि नेत्रदान एक महान दान है, जिसके माध्यम से मृत्यु के पश्चात् एक व्यक्ति की कॉर्निया दो नेत्रहीन व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान कर सकती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नेत्रदान की प्रक्रिया सरल और सुरक्षित है, जिसमें मृत्यु के 6-8 घंटे के भीतर कॉर्निया निकाली जा सकती है। नेत्रदान के लिए कोई आयु सीमा नहीं है, और यह सभी धर्मों, लिंगों व रक्त समूहों के लोगों द्वारा किया जा सकता है।

आलोक शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा, ष्नेत्रदान न केवल एक पुण्य कार्य है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है। हमारा लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग इस कार्य से जुड़ें। हौसला प्रसाद मिश्र ने स्थानीय समुदाय से अपील की कि वे नेत्रदान के महत्व को समझें और इसे प्रोत्साहन दें। विद्यालय के व्यवस्थापक दुर्गेश मिश्रा और प्रधानाचार्य पंडित राकेश मिश्र ने इस आयोजन को सामाजिक जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और भविष्य में भी ऐसे शिविरों के आयोजन की प्रतिबद्धता जताई।

शिविर में आए लोगों ने निःशुल्क नेत्र जाँच का लाभ उठाया और आयोजकों के इस प्रयास की सराहना की। मोतियाबिंद से पीड़ित मरीजों को उचित उपचार और परामर्श प्रदान किया गया। स्थानीय लोगों ने इसे सामाजिक सेवा का एक अनुकरणीय उदाहरण बताया और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस शिविर ने न केवल नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि नेत्रदान जैसे पुनीत कार्य को प्रोत्साहन देकर सामुदायिक एकजुटता का भी परिचय दिया। आयोजकों ने सभी सहयोगियों और उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया और भविष्य में भी इस तरह के सामाजिक कार्यों को जारी रखने का संकल्प लिया।         

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