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बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जमा कराने की तारीख बढ़ाने से किया इनकार


सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची सुधार अभियान (SIR) का विरोध कर रही पार्टियों को नसीहत दी है कि वह मतदाताओं की सहायता करें. कोर्ट ने कहा है कि इन पार्टियों के 1 लाख 68 हजार बूथ लेवल एजेंट (BLA) हैं, लेकिन उन्होंने SIR की ड्राफ्ट लिस्ट में छूटे सिर्फ 2 लोगों के लिए आपत्ति जमा करवाई है. यह हैरान करने वाली बात है. इसके साथ ही कोर्ट ने आपत्ति जमा करवाने की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने से भी मना कर दिया है.

जस्टिस सूर्य कांत और जोयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि एक BLA हर दिन अगर 10 लोगों की भी पुष्टि करेगा तो यह संख्या 16 लाख के पार हो जाएगी. अभी आपत्ति जमा करवाने के लिए 10 दिन का समय है. सिर्फ 5 दिन में ड्राफ्ट लिस्ट में जगह न पा सके सभी 65 लाख लोगों की पुष्टि की जा सकती है. उन लोगों को दस्तावेजों के साथ आपत्ति जमा करवाने में सहायता दी जाए.

जजों ने बिहार में मान्यता प्राप्त सभी 12 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों को भी मामले में पक्ष बना लिया है. कोर्ट ने उनसे इस बात का ब्यौरा मांगा है कि उन्होंने जमीनी स्तर पर मतदाताओं की सहायता के लिए क्या कदम उठाए हैं. कोर्ट ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इन पार्टियों के अध्यक्षों/महासचिवों को नोटिस जारी कर इसकी सूचना देने को कहा है.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि वह 1 अगस्त को प्रकाशित ड्राफ्ट लिस्ट में जगह न पाने वाले 65 लाख लोगों की जिलावार सूची प्रकाशित करे. शुक्रवार, 22 अगस्त को हुई सुनवाई में आयोग ने कोर्ट को बताया कि उसने आदेश का पालन किया है. उसके अधिकारी लोगों की आपत्तियों को स्वीकार कर रहे हैं. एक भी योग्य मतदाता अंतिम सूची में नहीं छूटेगा.

कोर्ट ने आयोग के जवाब पर संतोष जताया. याचिकाकर्ता पक्ष ने कहा कि पिछली बार कोर्ट ने आधार को भी दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया था. लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि जो लोग ड्राफ्ट लिस्ट में नहीं हैं, वह पहले से मान्य दस्तावेजों के अलावा लोग आधार नंबर के जरिए भी लिस्ट में जगह पाने का आवेदन दे सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि लोग अपनी आपत्तियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से जमा करवा सकते हैं. जो लोग बूथ लेवल अधिकारी (BLO) के पास जाकर आपत्ति जमा करवाते हैं, उन्हें इसकी रसीद भी दी जाए. याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जमा करवाने की अंतिम तारीख को 1 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग की. लेकिन कोर्ट ने फिलहाल इससे मना कर दिया. मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी.

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