गाजीपुर। बाढ़ का पानी गंगा के तटवर्ती इलाकों में पूरी तरह रौद्र रूप ले चुका है। इलाके के हसनपुरा, नसीरपुर, रामपुर एवं वीरूपुर गांव का जिले से सड़क मार्ग से सम्पर्क पूरी तरह कट गया है। इन गावों के लोगों का अब एकमात्र सहारा नांव बचा है।लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक उक्त गावों के लिए महज एक ही नांव उपलब्ध कराई गई है। जिसके चलते लोगों को आवागमन करने में परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा बाढ़ का पानी इलाके के कल्यानपुर, नरायनापुर, पटकनियां, युवराजपुर, कालूपुर, देवरियां, घाटमपुर, भगीरथपुर आदि गावों के सिवान से होते हुए गावों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसके चलते ग्रामीण पूरी तरह से सहमे हुए है। बाढ़ के पानी से सैकड़ों एकड़ किसानों के द्वारा बोई गई। विभिन्न तरह की फसलें, जानवरों का चारा जलमग्न हो चुका है। बाढ़ के पानी से इलाके के करीब आधा दर्जन सम्पर्क मार्ग पूर्व तरह से डूब गये हैं। इसके चलते आवागमन ठप्प है। बाढ़ के चलते पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में गश्त कर लोगों से सतर्क रहने एवं किसी तरह की आपात परिस्थितियां होने पर तुरंत सूचना देने का निर्देश दिया है। ताकि उससे समय रहते निपटा जा सके। यही नहीं बाढ़ के पानी के चलते इलाके के कई घाट पूरी तरह से घिर गए है। आम लोगों को मृतकों के अंतिम संस्कार करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गंगा के लगातार रौद्र रूप को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीण जरूरी सामान को बाजार से इकठ्ठा करने में लगे हैं। बाढ़ का पानी गांव के समीप रिहायशी झोपड़ियां, कई सरकारी भवन बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इसके बाद ग्रामीण गावों में सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं।
बाढ़ को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने रेवतीपुर क्षेत्र के आधा दर्जन परिषदीय स्कूलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर वहां के नामांकित छात्रों को बाढ़ रहने तक उन्हें विद्यालय आने से रोका है और शैक्षणिक कार्य ठप ना हो इसके लिए आनलाइन पढ़ाई के निर्देश दिए गए हैं। ताकि किसी तरह की आपात परिस्थितियों से बचा जा सके।