बाराबंकी। जिले के 135 विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन शिफ्ट करने के लिए बजट जारी हुआ। वहीं, सीडीओ के आदेश पर प्रत्येक स्कूलों की जांच और उनका आपरेशन कायाकल्प के तहत सुंदरीकरण के लिए आदेशित किया। कायाकल्प में सबसे पहले वे स्कूल लिए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष देव पांडेय और जिला पंचायत राज अधिकारी नीतेश भोंडेले ने स्कूलों की जांच कराई। 2624 स्कूलों की रिपोर्टिंग की गई, जिसमें 12 स्कूलों में ब्वाय और गर्ल्स शौचालय नहीं बने हैं। वाटर सप्लाई 16 में नहीं हैं। 23 शौचालय में टाइल्स नहीं लगाई गई। 126 स्थानों पर दिव्यांग शौचालय नहीं हैं। 92 स्कूलों में किचन शेड की कमी है। 300 विद्यालयों में टाइल्स नहीं लगाए गए। तीन में रैंप, 35 में बिजली की कमी है। 197 स्कूलों में बाथरूम और 35 स्थानों में पानी की कमी बताई गई हैं। इन सभी स्कूलों का कायाकल्प शुरू कर दिया गया है। वहीं, विभागीय बजट से 23 विद्यालय भवनों का निर्माण होगा। 44 जर्जर भवनों की मरम्मत और एक हजार से अधिक स्कूलों में सीट और बेंच लगाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसके अतिरिक्त राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा, हैदरगढ़ विधायक दिनेश रावत, कुर्सी विधायक साकेंद्र प्रताप सिंह ने विद्यालयों का कायाकल्प कराने का संकल्प लिया है, जिसकी शुरुआत रामनगर से हो चुकी है। वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग ने 135 विद्यालयों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन शिफ्ट कराने के लिए 1.45 करोड़ रुपये बजट दे दिए हैं।
19 बिंदु पूर्ण होने पर माना जाएगा कायाकल्प रू जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष देव पांडेय ने बताया कि सभी परिषदीय विद्यालयों का 19 बिंदुओं को पूरा करने के बाद ही कायाकल्प पूरा माना जाएगा। स्कूलों में पेयजल, वाटर कनेक्शन, बालक और बालिकाओं का शौचालय, टाइलीकरण, हैंडवाशिंग यूनिट, रंगाई-पुताई, बाउंड्रीवाल, फर्नीचर, वायरिंग, बिजलीकरण, रेलिंग, रैंप, रास्ता, ब्लैकबोर्ड और क्लास का टाइलीकरण होना अनिवार्य है।
नीतेश भोंडेले, जिला पंचायत राज अधिकारी ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प शुरू करा दिया गया है। अधिकांश जगहों पर कार्य चल रहे हैं। बारिश थमते ही यह कार्य और तेज कराया जाएगा।