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नेशनल स्पेस डे! भारत जल्द ही गगनयान की उड़ान भरेगा-पीएम मोदी


राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में एक के बाद एक नई उपलब्धियां हासिल करना भारत और भारतीय वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है। अभी दो साल पहले ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रचने वाला पहला देश बना था। पीएम मोदी ने कहा कि हम अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग की क्षमता रखने वाले दुनिया के चौथे देश भी बन गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अनंत अंतरिक्ष हमें हमेशा यह एहसास दिलाता है कि वहां कोई ठहराव नहीं है, कोई अंतिम पड़ाव नहीं है। मेरा मानना ​​है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में नीतिगत स्तर पर कोई अंतिम पड़ाव नहीं होना चाहिए, इसीलिए मैंने लाल किले से कहा था कि हमारा मार्ग है रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म...।

पीएम मोदी ने कहा कि जल्द ही आप सब वैज्ञानिकों की मेहनत से भारत गगनयान की उड़ान भी भरेगा और आने वाले समय में भारत अपना स्पेस स्टेशन भी बनाएगा। अभी हम चंद्रमा और मार्स तक पहुंचे हैं, अब हमें गहरे अंतरिक्ष में उन हिस्सों तक भी पहुंचना है जहां मानवता के भविष्य के लिए कई जरूरी रहस्य छिपे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "स्पेस सेक्टर में एक के बाद एक नए मील के पत्थर गढ़ना भारत और भारत के वैज्ञानिकों का स्वभाव बन गया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी 3 दिन पहले ही मेरी मुलाकात ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से हुई थी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तिरंगा फहराकर हर भारतीय को गर्व से भर दिया। वह क्षण, वह एहसास जब उन्होंने मुझे तिरंगा दिखाया, शब्दों से परे है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु के साथ अपनी चर्चा में, मैंने नए भारत के युवाओं के अपार साहस और अनंत सपनों को देखा है। इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए, हम भारत का अंतरिक्ष यात्री पूल भी तैयार करने जा रहे हैं। आज अंतरिक्ष दिवस पर, मैं अपने युवा मित्रों को भारत के सपनों को पंख देने के लिए इस अंतरिक्ष यात्री पूल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं। आज भारत सेमी-क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसी सफल तकनीकों में तेज़ी से प्रगति कर रहा है।

वहीं, इसरो चीफ वी. नारायणन ने कहा कि उनके निर्देश और विजन के आधार पर हम चंद्रयान-4 मिशन शुरू करने जा रहे हैं। हम वीनस ऑर्बिटर मिशन शुरू करने जा रहे हैं। हम 2035 तक बीएएस (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) नामक एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने जा रहे हैं और पहला मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने एनजीएल (नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर) को मंजूरी दे दी है। 2040 तक भारत चंद्रमा पर उतरेगा और हम सुरक्षित वापस आएंगे।

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