पीलीभीत। गांधी स्टेडियम प्रेक्षागृह में शनिवार को आयोजित मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण एवं पर्यावरण जागरूकता संवेदीकरण कार्यक्रम में जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि आज दुनिया की सबसे बड़ी चिंता ग्लोबल वार्मिंग है। इसके चलते जलवायु परिवर्तन गंभीर समस्या बन चुका है। इस दिशा में इको क्लब की जिम्मेदारी सबसे अहम है और बच्चों को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान करना चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि पूरे देश में 33 प्रतिशत वनाच्छादन होना चाहिए, जबकि पीलीभीत में यह केवल 20 प्रतिशत है। इस लक्ष्य को पाने में सदियां लग सकती हैं, लेकिन यदि अभी से प्रयास किए जाएं तो सार्थक बदलाव संभव है। उन्होंने इको क्लब के बच्चों से आह्वान किया कि वे अपने जन्मदिन अथवा माता-पिता की वैवाहिक वर्षगांठ पर पौधारोपण करें। साथ ही सुझाव दिया कि विद्यालय से टीसी लेने वाले प्रत्येक छात्र से एक पौधा गमले सहित लाने की अनिवार्यता तय की जाए।पीलीभीत टाइगर रिजर्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बाघ और मनुष्य के बीच संघर्ष नहीं बल्कि सह-अस्तित्व की अवधारणा को विकसित करना होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो भी इको क्लब बेहतर कार्य करेगा, वह स्वयं वहां जाकर विद्यार्थियों को सम्मानित करेंगे।कार्यक्रम का शुभारंभ एसकेजेपी इंटर कॉलेज की छात्राओं पूजा और नेहा सैनी द्वारा प्रस्तुत पर्यावरण गीत से हुआ। अतिथियों का स्वागत प्रभागीय निदेशक वन एवं वन्यजीव भरत कुमार डीके ने तुलसी का पौधा भेंट कर किया। इको क्लब के नोडल अधिकारी एवं पर्यावरणविद् टीएच खान ने क्लब की गतिविधियों की जानकारी दी।
प्रभागीय वनाधिकारी मनीष सिंह ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं वहां पाई जाने वाली प्रजातियों पर विस्तार से जानकारी दी। प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक संतोष कुमार ने इको क्लब के प्रयासों की सराहना की। विश्व प्रकृति निधि के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार तथा प्रभागीय निदेशक भरत कुमार डीके ने भी बच्चों की भूमिका पर अपने विचार रखे।इस अवसर पर उप प्रभागीय वनाधिकारी रमेश चैहान, प्रधानाचार्य डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी, प्रधानाचार्य शोभा वर्मा, एसआरएम इंटर कॉलेज के प्रवक्ता अरविंद पाल, उमाकांत, पर्यावरण कार्यकर्ता अशोक शर्मा सहित छात्र-छात्राओं ने भी विचार व्यक्त किए। जिलाधिकारी ने विश्व बाघ दिवस पर आयोजित भाषण एवं चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया।बाघ एक्सप्रेस की नुक्कड़ नाटक टीम ने मानव-वन्यजीव संघर्ष निवारण पर प्रभावशाली प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमिताभ अग्निहोत्री ने किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में जीवविज्ञानी आलोक कुमार, प्रमोद कुमार, डिप्टी रेंजर शेर सिंह, वन दरोगा नवीन सिंह बोरा, वन रक्षक रीतू व प्रिंसी, विश्व प्रकृति निधि के राहुल कुमार, राजेंद्र कुमार, प्रेमचंद्र, निखिल तथा बाघ मित्र राजीव का विशेष सहयोग रहा।