श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की गिरफ्तारी के बाद जेल में बिगड़ी तबीयत
August 23, 2025
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को सरकारी धन के कथित दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद कोलंबो की फोर्ट मजिस्ट्रेट अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्हें 26 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। शुक्रवार आधी रात के करीब 76 वर्षीय विक्रमसिंघे को कोलंबो के मुख्य मैगजीन रिमांड जेल ले जाया गया। जेल प्रवक्ता जगत वीरसिंघे ने शनिवार को बताया कि यहां उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार रानिल विक्रमसिंघे को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते हॉस्पिटल भेजा गया है। उन्हें विशेषकर उच्च रक्तचाप और रक्त शर्करा के बढ़ते स्तर के चलते जेल अस्पताल में स्थानांतरित किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति को शुक्रवार को श्रीलंका के आपराधिक जांच विभाग (CID) के मुख्यालय में एक सरकारी धन की हेराफेरी से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और कोलंबो फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया।
अधिकारियों के अनुसार विक्रमसिंघे के खिलाफ यह मामला लगभग 1.66 करोड़ श्रीलंकाई रुपये के कथित दुरुपयोग से जुड़ा है, जो उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान खर्च किए गए थे। इस संबंध में सीआईडी ने विक्रमसिंघे पर श्रीलंकाई दंड संहिता की धारा 386 और 388 के साथ ही सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 5(1) के तहत आरोप लगाए हैं। इन धाराओं के तहत न्यूनतम एक वर्ष से लेकर अधिकतम 20 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है।
अदालत ने सीआईडी के अनुरोध पर आरोपी विक्रमसिंघे को 26 अगस्त तक हिरासत में रखने का आदेश दिया है। यह गिरफ्तारी श्रीलंका की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है, जहां पूर्व राष्ट्रपतियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के उदाहरण बहुत कम हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न केवल देश की प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर चर्चा में आएगा, बल्कि इससे पूर्ववर्ती सरकारों के वित्तीय निर्णयों की पारदर्शिता पर भी सवाल उठ सकते हैं। सरकारी सूत्रों ने यह भी संकेत दिए हैं कि यदि जांच में और भी साक्ष्य सामने आते हैं, तो इस मामले में अन्य पूर्व अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है