रामपुर। जिला गन्ना अधिकारी शैलेश कुमार मौर्य ने तहसील मिलक स्थित नारायणपुर चीनी मिल के सीमावर्ती ग्राम का भ्रमण किया।
उन्होंने किशनपुर रोग एवं कीट से प्रभावित गन्ना फसल के आकलन के लिए दूल्हा नगला में कृषक श्री देवेंद्र सिंह के खेत पर ड्रोन से स्प्रे का भी निरीक्षण किया।
जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि जिन क्षेत्रों में जल-भराव है, वहां रूट रॉट (जड़ विगलन) रोग का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए किसान को थियोफेनेट मिथाइल 70 प्रतिशत ॅच्(वेटेबल पाउडर) या कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत ॅच् का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर गन्ने की जड़ों के पास डालें और फसल की तेजी से बढ़ोतरी के लिए एन.पी.के. 19रू19रू19 के घोल का छिड़काव करें।
उन्होंने बताया कि कीटों की रोकथाम जैसे सफेद मक्खी के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस.एल. की 150-200 मि.ली.मात्रा को 625 ली. पानी में मिलाकर पत्तियों पर छिड़काव करें। सफेद गिडार (व्हाइट ग्रब) से बचाव ते लिए बाइफेन्थ्रिन 10 ई.सी. या क्लोथियानिडीन 50ः डब्लू.जी. का घोल बनाकर जड़ों के पास डालें और जैविक उपाय के लिए, बवेरिया बैसियाना को गोबर की खाद में मिलाकर इस्तेमाल करें।
जड़ बेधक के लिए क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. का घोल बनाकर ड्रेंचिंग करें।
उन्होंने किसानों से अपील की है कि सभी गन्ना किसान अपनी फसल पर लगातार नजर रखें। अगर कोई समस्या आती है, तो तुरंत अपने नजदीकी गन्ना समितियों, परिषदों या कार्यालयों में संपर्क करें या टोल-फ्री नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं, ताकि समय रहते समस्या का समाधान हो सके और गन्ने की अच्छी उपज मिले। निरीक्षण दौरान चीनी मिल गन्ना प्रबंधक देवेन्द्र सिंह, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव, राजकीय कर्मचारी, गन्ना कृषक मौजूद रहे।