महासभा के अध्यक्ष ने कहा कि हम पुरानी परंपराओं को भूलते जा रहे हैं। पहले जब बेटी का कन्यादान होता था, तो उसे आत्मरक्षा के लिए हथियार दिया जाता था। लेकिन अब हालात बदल गए हैं, बेटियों को शादी में सोना-चांदी और नकदी दी जाती है, जो उनकी सुरक्षा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, “अगर वो सोना पहनकर बाजार जाएगी तो लुट जाएगी। चोर-उचक्के नहीं छोड़ेंगे इसलिए बेटी को सोना-चांदी दो या न दो, लेकिन कटार, तलवार या रिवॉल्वर जरूर दो। रिवॉल्वर महंगी हो तो कट्टा ही दे दो।”
कुंवर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि आज के दौर में बेटियों को खुद की सुरक्षा के लिए सक्षम बनाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह हम अपने बेटे को ताकत देते हैं, उसी तरह बेटियों को भी सशक्त बनाना होगा। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि बेटियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दें और उन्हें सुरक्षा के साधनों से लैस करें। वहीं, इस महापंचायत में ठाकुर समाज के विभिन्न जिलों से लोग पहुंचे और इस फैसले का समर्थन किया। सभा में मौजूद लोगों ने बेटियों की सुरक्षा को लेकर इस तरह के कदम को सराहा और इसे समय की जरूरत बताया।