चुनाव आयोग द्वारा राहुल गांधी को दी गई 7 दिनों की मियाद पूरी, नहीं दिया कोई शपथ पत्र
August 25, 2025
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से 7 दिनों के भीतर शपथ पत्र देकर अपने आरोप साबित करने को कहा था, साथ ही यह भी कहा था कि अगर राहुल गांधी शपथ पत्र नहीं देते तो इसका मतलब उनके आरोप निराधार हैं.
सूत्रों के मुताबिक समय सीमा बीत जाने के बावजूद राहुल गांधी की तरफ़ से अब तक कोई हलफ़नामा दाख़िल नहीं किया गया है. राहुल गांधी ने हाल ही में कई सभाओं और प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग मतदाता सूची में “फर्जी नामों” और “डुप्लीकेट वोटरों” के आधार पर गड़बड़ी करता है और वोट चोरी करवाता है.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि यह लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करता है. राहुल गांधी के इन्हीं आरोपों पर चुनाव आयोग ने उनसे सबूत मांगे थे और कहा था कि आरोपों को सही ठहराने के लिए शपथ पत्र जमा कर प्रमाणित करें कि उन्होंने जो आरोप लगाए हैं वह सही हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि यदि राहुल गांधी या कोई भी नेता आरोप लगाता है, तो उसे ठोस सबूतों के साथ शपथ पत्र देना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो यह माना जाएगा कि लगाए गए आरोप निराधार हैं.
आयोग ने दोहराया कि भारत में “एक व्यक्ति, एक वोट” का नियम संविधान और कानून के तहत हमेशा से लागू है और उस पर कोई समझौता संभव नहीं. राहुल के साथ ही अब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग पर वोटों की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है.
तेजस्वी यादव ने भी आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बिहार और अन्य राज्यों में मतदाता सूची से बड़ी संख्या में असली मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, जबकि फर्जी नाम बने हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग विपक्ष समर्थक क्षेत्रों में वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों को नजरअंदाज कर रहा है. सिर्फ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ही नहीं बल्कि विपक्ष के तमाम बड़े नेता इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को घेर रहे हैं.
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार में रैली निकालकर ये नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि चुनाव आयोग मतदाता सूची में धांधली को लेकर गंभीर नहीं है. वहीं आयोग इस पूरी बहस को “बिना सबूत लोगों को गुमराह करने वाली राजनीति” करार दे रहा है