लखनऊ। संक्रामक बीमारियों की रोकथाम और नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नगर निगम लखनऊ द्वारा बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष प्रशिक्षण में 500 से अधिक निगमकर्मी और जनमानस से जुड़े स्वयंसेवक शामिल हुए।नगर स्वास्थ्य अधिकारी के दिशा-निर्देश पर यह प्रशिक्षण 19 अगस्त से 22 अगस्त 2025 तक विभिन्न जोनों में चरणबद्ध ढंग से संपन्न हुआ। प्रत्येक दिन अलग-अलग जोनों के कर्मियों को शामिल कर संक्रामक रोगों से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण संबंधी कार्यों की जानकारी दी गई। इस दौरान आधुनिक तकनीकों, औषधि छिड़काव, फॉगिंग संचालन और जनजागरूकता अभियान को प्रभावी बनाने के उपायों पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।कार्यक्रम के अंतर्गत 19 अगस्त को जोन-1 व जोन-2, 20 अगस्त को जोन-3 व जोन-4, 21 अगस्त को जोन-5 व जोन-6 तथा 22 अगस्त को जोन-7 व जोन-8 के कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण सत्र सुबह से दोपहर तक आयोजित किए गए, जिसमें विशेषज्ञों ने कर्मियों को व्यावहारिक रूप से कार्य करने के तरीके भी समझाए।नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि बरसात के मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अग्रिम तैयारी बेहद आवश्यक है। इस प्रशिक्षण से न केवल निगम कर्मियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि शहरवासियों को भी अधिक प्रभावी ढंग से सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रशिक्षण में 500 से अधिक कर्मियों और जनमानस से जुड़े लोगों ने भाग लिया। उन्हें रासायनिक दवाओं के छिड़काव, लार्वा नाशक दवाओं के प्रयोग, फॉगिंग मशीनों के संचालन और संक्रमित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें यह भी समझाया गया कि नागरिकों को किस प्रकार जागरूक किया जाए ताकि लोग स्वयं भी सफाई व रोकथाम की दिशा में योगदान दें।
नगर निगम का कहना है कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, जिससे कर्मियों को नवीनतम जानकारी और तकनीकों से अवगत कराया जा सके। अभियान का अंतिम लक्ष्य शहर को संक्रामक बीमारियों से सुरक्षित रखना और लोगों को स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराना है।