सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष दर्जा दिया गया है, मान्यता है अमावस्या तिथि पर पितरों के लिए पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है। हर अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण करने का विधान है। इसके साथ ही शनिवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ने से इसे शनि अमावस्या भी कहते हैं और इसका महत्व भी बढ़ जाता है। अगस्त में माह में शनि अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है।
हिंदू धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिल जाती है। पर शास्त्रों के मुताबिक इस दिन कुछ खास गलतियां करने से लोगों को बचना चाहिए वरना शनिदेव नाराज हो जाएंगे और आप के साथ कुछ अशुभ हो सकता है।
क्या नहीं करना चाहिए?
शनि अमावस्या के दिन तेल और तिल का दान करना शुभ माना गया है, लेकिन इस दिन इसे नहीं खरीदना चाहिए वरना इसका विपरीत असर पड़ सकता है।
इस दिन जातक को तामसिक भोजन यानी मछली, अंडा, मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे शनिदेव आपसे नाराज हो सकते हैं और आपके जीवन में कष्ट बढ़ सकते हैं।
शास्त्रों की मानें तो इस दिन नमक भी खरीदना अशुभ माना गया है, मान्यता है कि इससे आर्थिक संकट और धन की हानि हो सकती है।
इस दिन जातक को बाल या नाखून भी नहीं काटना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि दोष का प्रभाव आप पर पड़ सकता है।
शनि अमावस्या के दिन किसी से झगड़ा करने या बड़ों का अपमान करने से बचना चाहिए। ऐसा करने पर शनिदेव नाराज हो जाएंगे और आपको कष्ट दे सकते हैं।
इस दिन जातक को तामसिक भोजन यानी मछली, अंडा, मांस और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे शनिदेव आपसे नाराज हो सकते हैं और आपके जीवन में कष्ट बढ़ सकते हैं।
शास्त्रों की मानें तो इस दिन नमक भी खरीदना अशुभ माना गया है, मान्यता है कि इससे आर्थिक संकट और धन की हानि हो सकती है।
इस दिन जातक को बाल या नाखून भी नहीं काटना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि दोष का प्रभाव आप पर पड़ सकता है।
शनि अमावस्या के दिन किसी से झगड़ा करने या बड़ों का अपमान करने से बचना चाहिए। ऐसा करने पर शनिदेव नाराज हो जाएंगे और आपको कष्ट दे सकते हैं।