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कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों में QR स्टिकर लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई रोक


कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर विशेष QR कोड लगाने के विरुद्ध आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया था कि QR कोड स्कैन करने से दुकान मालिकों के नाम पता चल सकते हैं. यह सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल के आदेश का उल्लंघन है.

26 जुलाई 2024 को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने दुकान के बाहर दुकानदार का नाम लिखने के प्रशासन के आदेश पर रोक लगाई थी. तब कोर्ट ने कहा था कि दुकानदारों को अपना और अपने कर्मचारियों का नाम बताने की जरूरत नहीं है. उन्हें सिर्फ यह बताना होगा कि वह क्या खाना बेच रहे हैं. याचिकाकर्ता QR स्टिकर लगाने को इसी आदेश के खिलाफ बता रहे थे.

याचिकाकर्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा. टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की तरफ से वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने जिरह की. सिंघवी ने कहा कि वह भी जैन हैं. उनका मानना है कि ग्राहक को रेस्टोरेंट का मेन्यू देखना चाहिए, उसके मालिक का नाम नहीं. अहमदी ने कहा कि ढाबों में लाइसेंस प्रदर्शित किया जाता है. दुकान के बाहर QR स्टिकर लगाने का आदेश गलत है. इस तरह कुछ लोगों को अछूत बताया जा रहा है.

15 जुलाई को जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा था. यूपी सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी और उत्तराखंड के लिए एडवोकेट जनरल जतिंदर सेठी पेश हुए. दोनों राज्य सरकारों ने कहा कि केंद्र सरकार के फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स नियम खाने-पीने का सामान बेचने वाले की जानकारी ग्राहक को देने की बात कहते हैं. पिछले वर्षों में गलत खाना मिलने पर कांवड़ियों को उग्र होते देखा गया है इसलिए, उन्हें पूरी जानकारी मिलना जरूरी है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि साल भर मांसाहार बेचने वाली दुकान अगर कांवड़ के दौरान शाकाहार बेच रही हो, तो यह जानकारी ग्राहक को होनी चाहिए. उसके बाद वह स्वयं फैसला ले सकता है. सबको यह समझना चाहिए कि ग्राहक राजा होता है. कोर्ट ने कहा कि वह दुकानदार का नाम दुकान के बाहर न लिखने की दलील से सहमत हैे, लेकिन इस मामले में तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावना और दुकानदारों के संवैधानिक अधिकार के बीच संतुलन बनाना होगा.

लगभग 1 घंटा चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा, 'हमें बताया गया है कि आज यात्रा का अंतिम दिन है. हम आदेश देते हैं कि दुकानदार कानून के मुताबिक लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रदर्शित करें. हम फिलहाल मामले का निपटारा कर रहे हैं. हम बाकी बातों पर अभी नहीं जा रहे हैं. मुख्य याचिकाएं अभी लंबित हैं. उनकी सुनवाई के दौरान सभी पक्षों को सुना जाएगा.'

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