लखनऊ। लखनऊ में निवेश के नाम पर पैसे लेने व फर्जी एसओजी व क्राइम ब्रांच टीम बनकर पैसे हड़प लेने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस उपायुक्त पूर्वी की क्राइम टीम व थाना गोमती नगर पुलिस टीम की संयुक्त टीम ने 30 चिल्ड्रन बैंक की गड्डी ₹500 के नोट के साइज के, आठ गड्डी जिनके ऊपर₹500 का एक असली नोट लगा हुआ व अन्य चिल्ड्रन बैंक के और 30 हजार रुपए नगद, कुल 500 के 60 नोट, एक देसी तमंचा 315 बोर व जिंदा कारतूस 315 बोर के साथ गिरफ्तार किया।
राजधानी लखनऊ के जिया मऊ 1090 चैराहा गौतमपल्ली लखनऊ, स्थाई पता ग्राम समहई मंसूराबाद नवाबगंज प्रयागराज के निवासी राजकुमार पुत्र हनुमान प्रसाद यादव के साथ बुधवार को एक धोखाधड़ी का मामला सामने आया। राजकुमार से कुछ लोगों ने निवेश के नाम पर एवं पैसा डबल करने के नाम पर पहले तो पैसा ले लिया, फिर उसके बाद गिरोह के बाकी सदस्यों द्वारा राज कुमार से फर्जी पुलिस की क्राइम ब्रांच बनकर पैसा हड़प लिया। इस संबंध में पीड़ित राजकुमार द्वारा गोमती नगर थाने में अज्ञात लोगों के नाम से तहरीर दी गई थी। जिसके बाद उच्च अधिकारियों के निर्देशन पर पुलिस उपायुक्त पूर्वी की क्राइम टीम व थाना गोमतीनगर पुलिस की संयुक्त टीम का गठन किया गया। संयुक्त टीम द्वारा सीसीटीवी को खंगाल गया व मुखबिर को सक्रिय किया गया।
इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर संयुक्त टीम द्वारा अगले ही दिन धोखाधड़ी के मामले में शामिल गिरोह के चार सदस्य विशाल कुमार पुत्र सर्वेश कुमार निवासी ग्राम खुरदेई बाजार कटरा बक्श गोसाईगंज लखनऊ 25 वर्षीय, रामबहादुर पुत्र रामनारायण निवासी ग्राम दुहरा पोस्ट बनिया बारी खलीलाबाद संत कबीर नगर, राम प्रसाद पुत्र स्वर्गीय वीरेंद्र निवासी ग्राम हरदी डाली पोस्ट नौतनवा थाना सुनौली महाराजगंज 34 वर्षीय व अंजनी कुमार पुत्र जगदानंद झा निवासी दुर्लख वार्ड संख्या 31 ताना मुसाफिर समस्तीपुर बिहार 40 वर्षीय को गोमतीनगर के विनीत खंड से आईआईएलएम रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस उपायुक्त पूर्वी शशांक सिंह द्वारा प्रेस वार्ता में बताया गया कि निवेश के नाम पर पैसे लेने व फर्जी एसओजी बनकर पैसे हड़पने वाले इस गिरोह के चार सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ राजधानी में और भी कई मामले सामने आ सकते हैं जिसकी जांच जारी है। गिरफ्तार अभियुक्तों में अंजनी कुमार को इससे पहले थाना रौनही जनपद अयोध्या में इसी प्रकरण में गिरफ्तार किया गया था और जेल भेजा गया था। जिसके बाद अंजनी कुमार ने अपने तीन साथियों के साथ राजधानी में इस घटना को अंजाम दिया। अभियुक्त विशाल कुमार के कब्जे से 500 के 12 नोट, राम बहादुर के कब्जे से ₹500 के 20 नोट, एक देसी तमंचा 315 बोर व एक जिंदा कारतूस 315 बोर, राम प्रसाद के कब्जे से ₹500 के कुल 18 नोट व अंजनी कुमार के कब्जे से 500 के 10 नोट बरामद किए गए। पहले तो घटना को अंजाम देने के लिए चुने हुए लोगों को ये निवेश के नाम पर पैसा लेते थे, वहीं उसकी इंस्टॉलमेंट चुकाने के समय पर फर्जी एसओजी पुलिस टीम बनकर उन लोगों को मामले में फंसने के नाम पर पैसा हड़प लेते थे। इनके अलावा और सदस्यों के शामिल होने की जानकारी की जा रही है एवं अभियुक्तों के अन्य आपराधिक इतिहास की भी जानकारी की जा रही है। गिरफ्तार करने वाली संयुक्त टीम का इनाम भी उन्हें प्रदान किया जाएगा।