बलिया। नरहीं थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 वर्षीय दलित किशोरी की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म, हत्या सहित छह धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर आरोपियों की तलाश में कुछ जगहों पर दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली।
बता दें कि बीते शुक्रवार (04 जुलाई 2025) को किशोरी का शव झोपड़ी में साड़ी के फंदे पर लटका हुआ मिला था। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई और पांच जुलाई को यह मामला तूल पकड़ लिया।
इस प्रकरण में किशोरी को न्याय दिलाने के लिए बसपा भीम आर्मी संगठन एवं आजाद समाज पार्टी की सैकड़ों महिलाएं एवं पुरुष पीड़ित परिवार के घर के बाहर धरने पर बैठ गए। किशोरी की मां की तहरीर पर गांव के ही चार आरोपियों पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया। मां ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि किशोरी एक मुकदमे में गवाह थी। जिसमें आरोपियों को सजा होना तय माना जा रहा था। उस पर गवाही न देने के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था, लेकिन वह अपने इरादे पर अटल थी। इस लिए किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या किया गया है। रविवार को भी पीड़ित परिवार के घर सपा के जिलाध्यक्ष विधायक संग्राम सिंह यादव सहित बसपा भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी के नेताओं का आना-जाना लगा रहा।
इस संबंध में नरहीं थानाध्यक्ष नदीम अहमद फरीदी ने बताया कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफतार कर लिया जाएगा।