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पीलीभीत: महामंडलेश्वर एवं बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद का संघर्ष ला रहा रंग ! मुख्यमंत्री व वन मंत्री से वार्ता के बाद तेज हुए बाघ पकड़ने के प्रयासः वन विभाग और पुलिस की गश्त जारी, ग्रामीणों में अब भी बाघ का खौफ बरकरार


पीलीभीत। बरखेड़ा क्षेत्र में बाघ के लगातार हमलों से दहशत का माहौल है। फुलहर, सैजनिया और मंडरिया बिथरा गांवों में हालिया हमलों के बाद ग्रामीणों में भय बना हुआ है। दो दिन बीत जाने के बाद भी वन विभाग को बाघ की कोई स्पष्ट लोकेशन नहीं मिल सकी है, हालांकि पुलिस व वन विभाग की संयुक्त गश्त बदस्तूर जारी है।इस गंभीर स्थिति को देखते हुए बरखेड़ा विधायक एवं महामंडलेश्वर स्वामी प्रवक्तानंद महाराज ने बाघ के आतंक पर तत्काल रोक लगाने के लिए लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में हो रहे बाघ व तेंदुए के हमलों की जानकारी देकर सुरक्षा के कठोर उपायों की मांग की।

विधायक स्वामी प्रवक्तानंद ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें अवगत कराया कि वन विभाग की लापरवाही के चलते ग्रामीण लगातार खतरे में हैं। उन्होंने फुलहर गांव के दयाराम की मृत्यु, मंडरिया बिथरा की कृष्णा देवी की मौत और सैजनिया की मीनादेवी के घायल होने का जिक्र करते हुए कहा कि अब कार्रवाई में देरी ग्रामीणों के जीवन को संकट में डाल रही है। मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव व वन मंत्री को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।इसके बाद विधायक ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और प्रमुख सचिव (वन) अनिल कुमार से भी भेंट की। उन्होंने विशेष रूप से आग्रह किया कि हमलावर बाघ को चिन्हित कर शीघ्र पकड़ने की दिशा में अभियान तेज किया जाए। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद से भी विधायक ने विस्तार से चर्चा की और उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।

विधायक स्वामी प्रवक्तानंद ने मृतक दयाराम के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी और बताया कि उन्हें राज्य आपदा राहत कोष से चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है। वहीं, कृष्णा देवी के परिजनों को भी सरकार द्वारा पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता घोषित की गई है। घायल मीनादेवी को लखनऊ स्थित केजीएमयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। शुक्रवार की मध्यरात्रि तक विधायक स्वयं अस्पताल पहुंचे और उनकी चिकित्सकीय स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने मीनादेवी के उपचार के लिए व्यक्तिगत आर्थिक मदद भी दी, जिस पर परिजनों की आंखें नम हो गईं।

गांवों में लगातार गश्त व सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करने हेतु विधायक ने वन विभाग को निर्देशित किया है कि जंगल से सटे गांवों में फेंसिंग, निगरानी कैमरे और सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएं। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अंधेरे व एकांत स्थलों से परहेज करें और बच्चों को सतर्क रखें।स्वामी प्रवक्तानंद की सक्रियता ने जहां शासन-प्रशासन को हरकत में ला दिया है, वहीं अन्य जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल उठने लगे हैं। उन्होंने इस संकट से पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चेताया था, अब जब खतरा सामने है तो उन्होंने एकमात्र विधायक के रूप में जनहित में संघर्ष की मिसाल कायम की है। बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद की तत्परता और जनसेवा की भावना ने संकट की घड़ी में जनता को सहारा दिया है। क्षेत्रवासी अब आशान्वित हैं कि जल्द ही हमलावर बाघ को पकड़ा जाएगा और उन्हें भयमुक्त जीवन जीने का अधिकार मिलेगा। विधायक के प्रयासों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनप्रतिनिधि यदि ईमानदारी से कार्य करें तो प्रशासन को मजबूर किया जा सकता है कि वह जनहित में त्वरित निर्णय ले।

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