बाराबंकी। जनता की पीड़ा को सुनना और उसे हल करना यदि प्रशासन की पहली जिम्मेदारी है, तो बाराबंकी का प्रशासन इस कसौटी पर खरा उतरता दिखा। शनिवार को जनपद की सभी छह तहसीलों में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने न सिर्फ समस्याएं सुनीं, बल्कि कई मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर लोगों को राहत भी दी।तहसील रामसनेहीघाट में आयोजित समाधान दिवस में डीएम ने स्वयं शिकायतकर्ताओं से संवाद किया और अधिकारियों से कहा, जनसुनवाई का अंतिम पैमाना शिकायतकर्ता की संतुष्टि है, अधिकारी केवल कार्रवाई न करें, लोगों के दर्द को समझें और समाधान के बाद संतुष्टि भी सुनिश्चित करें।समाधान दिवस में 256 शिकायतों में से 32 मामलों का तुरंत निस्तारण हुआ।समाधान दिवस में पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, एसडीएम अनुराग सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी अवधेश यादव सहित सम्बंधित जिला स्तरीय अधिकारियों मौजूद रहे। प्रशासन की सख्ती के साथ संवेदनशीलता भी दिखी, जब डीएम ने स्पष्ट कहा कि अधिकारी शिकायतकर्ता से मोबाइल पर संपर्क कर यह सुनिश्चित करे कि उसे समाधान से संतोष मिला है या नहीं।सम्पूर्ण समाधान दिवस केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रशासन और जनता के बीच विश्वास की डोर बनता दिखा।सभी समाधान दिवसों में अधिकारियों को बार-बार चक्कर काट रहे फरियादियों की पीड़ा को समझते हुए, गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए गए।
डिग्सरी निवासी आशुतोष श्रीवास्तव की खतौनी में सुधार किया गया।जबकि धनंजय को तत्काल राशन कार्ड मिला, वहीं नीलम को कन्या सुमंगला योजना से जोड़ा गया।यही नहीं राजेन्द्र प्रसाद के चकमार्ग पर पुनः अतिक्रमण की शिकायत पर एफआईआर के आदेश दिए गए।जबकि कुसुम तिवारी की खेत की पैमाइश के आदेश मौके पर ही कानूनगो को दिए गए।
तहसील रामनगर में 89 में से 14 शिकायतें मौके पर निस्तारित ,फतेहपुर में 32 में से 06,नवाबगंज में 134 में से 10,सिरौलीगौसपुर में 39 में से 08,हैदरगढ़ में 98 में से 11 शिकायतों का निस्तारण मौके पर किया गया।
इस मौके पर डीएम व एसपी ने कचनार और महोगनी के पौधे रोपकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। यह समाधान दिवस प्रशासन के उत्तरदायित्व, मानवीय संवेदना और कर्तव्यपरायणता का परिचायक बना। लोगों को अब भरोसा होने लगा है कि उनकी आवाज सिर्फ सुनी नहीं जा रही, बल्कि उस पर कार्रवाई भी हो रही है।