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सड़क हादसे में घायलों के लिए देवदूत बनकर पहुंचे डीसीपी शशांक जायसवाल


दिल्ली पुलिस के डीसीपी शशांक जायसवाल ने सोमवार तड़के वसंत कुंज के पास एक भीषण डंपर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दो लोगों को बचाने के लिए बहादुरी का परिचय दिया। पीड़ितों को व्यक्तिगत रूप से अस्पताल पहुंचाने सहित उनकी त्वरित कार्रवाई से उन्होंने घायलों की जान बचाई। डीसीपी शशांक जायसवाल आईआईएम में व्याख्यान देने के बाद सुबह करीब 3 बजे दिल्ली लौट रहे थे, तभी वसंत कुंज के पास हुए एक गंभीर हादसे पर उनकी नजर पड़ी। यहां एक डंपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें दो लोग फंस गए थे। पीड़ितों में से एक के चेहरे पर गंभीर चोट आई थी और उसकी दाहिनी आंख बाहर निकल आई थी। हादसे के बाद क्षतिग्रस्त वाहन से पेट्रोल का रिसाव हो रहा था, जिससे विस्फोट का खतरा पैदा हो गया था।

वहीं घटनास्थल से गुजरते समय डीसीपी शशांक जायसवाल ने बिना किसी हिचकिचाहट के तुरंत अपनी गाड़ी रोक दी। उन्होंने फंसे हुए घायलों बाहर निकाला और उन्हें वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल पहुंचाया। उनकी पुलिस गाड़ी ने रास्ता साफ किया, जिससे पीड़ितों को जल्द से जल्द चिकित्सा सुविधा मिल सकी। दोनों घायलों की पहचान जगदीश और दिनेश के रूप में हुई, जो गाजीपुर के रहने वाले डंपर चालक हैं। फोर्टिस अस्पताल पहुंचने पर उनकी हालत गंभीर थी। उनकी चोटों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर में सर्जरी के लिए रेफर कर दिया गया।

पीड़ितों को भर्ती कराने और प्रारंभिक उपचार सुनिश्चित करने के बाद डीसीपी जायसवाल ने स्वयं पीसीआर को कॉल किया। वह सुबह करीब 5:30 बजे तक अस्पताल में ही रहे और अतिरिक्त पुलिसकर्मियों के आने का इंतजार करते रहे। वह लगातार डॉक्टरों के संपर्क में बने रहे। प्रत्यक्षदर्शियों और अस्पताल के कर्मचारियों ने पुष्टि की कि डीसीपी जायसवाल के समय पर हस्तक्षेप से घायलों की जान बच गई। घटनास्थल पर मौजूद एक चिकित्साकर्मी ने कहा, "अगर थोड़ी भी देरी होती, तो परिणाम घातक हो सकते थे।"

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