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ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ी तैयारी कर रहा भारत, वायुसेना से जुड़े मामलों पर मोदी सरकार की सीधी नजर


भारतीय वायुसेना की लगातार घटती स्क्वाड्रन को लेकर, अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी कमर कस ली है. पीएमओ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी डॉक्टर पीके मिश्रा ने मंगलवार (8 जुलाई 2025) को बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) फैसिलिटी का दौरा कर एलसीए तेजस कार्यक्रम की समीक्षा की.

अमेरिका से एविएशन इंजन मिलने में हो रही देरी के चलते एचएएल का लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) प्रोजेक्ट देरी से चल रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस तरह भारतीय वायुसेना ने निर्णायक भूमिका निभाई है, ऐसे में निकट भविष्य में उन्नत किस्म के लड़ाकू विमानों की जरूरत देश को पड़ने जा रही है. यही वजह है कि वायुसेना की जरूरतों को लेकर पीएमओ बेहद सजग है.

एचएएल के मुताबिक मिश्रा ने बेंगलुरु में एलसीए के तेजस असेंबली हैंगर और मार्क-2 वर्जन हैंगर का दौरा किया. एचएएल ने पीएमओ के सबसे सीनियर अधिकारी को बताया कि इस वक्त एलसीए के मार्क-1ए वर्जन के 6 फाइटर जेट और 1 ट्रेनर (एयरक्राफ्ट) बनकर तैयार हैं. एलसीए मार्क-1ए वर्जन के लिए एचएएल को अमेरिका से अभी तक महज एक एफ-404 एविएशन इंजन मिला है, जबकि कुल करार 99 इंजन का है. दूसरी तरह मार्क-2 (और स्टील्थ फाइटर जेट एमका) के लिए अमेरिका से एफ-414 इंजन के करार का इंतजार है.

मिश्रा ने एचएएल के दूसरे स्वदेशी एयरक्राफ्ट का भी जायजा लिया, जिसमें लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) प्रचंड, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), लाइट एडवांस हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुप और हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर (एचटीटी-40) शामिल थे.

प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने गगनयान मिशन के लिए एचएएल की तैयारियों का भी जायजा लिया. यहां पर मिश्रा को स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) के बारे में ब्रीफिंग दी गई. इस दौरान एचएएल के चेयरमैन डॉ. डी के सुनील और इसरो के चेयरमैन डॉ. वी नारायण भी मौजूद थे. एचएएल के मुताबिक मिश्रा ने इंटीग्रेटेड क्रायोजेनिक इंजन मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का भी निरीक्षण किया.

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