Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

पीलीभीत: मिट्टी को जीवन दें, गन्ने की पैदावार बढ़ाएं ! गन्ना अधिकारी की किसानों से अपील


पीलीभीत। बुधवार को जिला गन्ना अधिकारी  खुशी राम भार्गव ने गन्ना समिति  के ग्राम वाहनपुर (विकास खंड मरौरी) का भ्रमण कर ग्राम स्तरीय सट्टा प्रदर्शन का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित किसानों से संवाद करते हुए गन्ना फसल की सेहत और उत्पादन क्षमता के लिए मिट्टी में कार्बनिक तत्वों की महत्ता पर जोर दिया।उन्होंने बताया कि जुलाई का महीना गन्ने की बढ़वार के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस समय गन्ने की फसल को पोषण देने के लिए 17 आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। परंतु ये पोषक तत्व तब तक पौधों को ठीक से नहीं मिल पाते जब तक मिट्टी में पर्याप्त जैविक (कार्बनिक) पदार्थ न हो।

जनपद में हाल ही में किए गए मिट्टी परीक्षण में यह तथ्य सामने आया कि अधिकांश खेतों की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा केवल 0.12ः रह गई है, जबकि इसे कम से कम 0.75 % से 1.00% के बीच होना चाहिए। यह गिरावट क्षेत्र में गन्ना उत्पादन में कमी का मुख्य कारण बन रही है।गौरतलब है कि पहले किसानों द्वारा गाय पालन के चलते खेतों में प्राकृतिक रूप से गोबर खाद की आपूर्ति होती थी, जिससे मिट्टी की सेहत बनी रहती थी। लेकिन जैसे-जैसे गाय पालन कम हुआ है, वैसे-वैसे देशी खाद की उपलब्धता घटती गई और इससे धरती की उर्वरता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।गन्ना विकास विभाग जनपद के किसानों से सशक्त अपील की है।दलहनी फसलें (जैसे मूंग, उड़द, लोबिया, अरहर, राजमा) अपनाएं दृ इससे मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिरीकरण होगा।गाय पालन को फिर से अपनाएं, और गोबर से बनी जैविक खाद (जैसे घूर खाद, वर्मी कम्पोस्ट) का भरपूर उपयोग करें।जैविक विधियों जैसे जीवामृत, घन जीवामृत, बीजामृत का प्रयोग करें।रासायनिक खादों पर निर्भरता घटाएं और स्थायी खेती की ओर कदम बढ़ाएं।

इस अवसर पर राम भद्र द्विवेदी (ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक), प्रदीप अग्निहोत्री (सचिव), संजीव राठी (जी.एम., केन एल.एच. चीनी मिल), शीलेन्द्र कुमार, सनोज कुमार, नारायण सिंह, जमुना प्रसाद, बालक राम, चंद्र प्रकाश सहित कई अधिकारी एवं किसान उपस्थित रहे।मिट्टी को फिर से जीवन देने का संकल्प लें  यही गन्ना उत्पादन और किसान की समृद्धि का आधार है।

श्री भार्गव ने कहा दृ ष्गन्ना केवल एक फसल नहीं, बल्कि यह हमारे किसानों की आजीविका और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। यदि हम आज मिट्टी की सुध नहीं लेंगे, तो कल की फसलें खतरे में पड़ जाएंगी।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |