प्रतापगढः नागरिकता तय करने का अधिकार आयोग को कतई नहीं - प्रमोद तिवारी
July 28, 2025
लालगंज/प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि कांग्रेस के साथ विपक्ष पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर सीजफायर के दावे पर प्रधानमंत्री से संसद में जबाबदेही सुनिश्चित करायेगी। वही उन्होने कहा कि बिहार में एसआईआर को लेकर असहमति के साथ संसद में भ्रष्टाचार के मामले में महाभियोग को लेकर भी विपक्ष पूरी एकजुटता के साथ सरकार को अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं निकलने को मजबूर करेगी। बिहार में विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सोमवार को संसद भवन परिसर में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी व पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ इण्डिया गठबंधन के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने विपक्षी गठबंधन के कदम को प्रभावी एवं सशक्त करार दिया है। उन्होने कहा कि नागरिकता तय करने का अधिकार निर्वाचन आयोग को कतई नही है। उन्होने कहा कि नागरिकता तय करना पूरी तरीके से गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि बिहार में एसआईआर के नाम पर गरीबों तथा मजदूरों व दलितों एवं पिछड़ो के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटाये जा रहे हैं। उन्होनें कहा कि जाति व धर्म देखकर वोट के अधिकार से लोगों को वंचित करना लोकतंत्र का गला घोंटना है। वही राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद के सत्र में विपक्ष बार बार पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा की मांग कर रहा था। उन्होने आरोप लगाया कि सरकार ने पहले सप्ताह ही विपक्ष की यह मांग स्वीकार कर ली होती तो अब तक के संसद के गतिरोध की नौबत नही आती। उन्होने कहा कि आपरेशन सिंदूर की चर्चा का मकसद पूरी तरह साफ है। उन्होने कहा कि देश को यह सच्चाई जानने का अधिकार है कि पहलगाम हमले में खुफिया एजेन्सी की चूक कैसे और क्यूं हुई। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहलगाम में छब्बीस बहनों की मांग का सिंदूर धर्म पूछकर उजाड़ा गया। उन्होने कहा कि चर्चा का अहम बिन्दु यह है कि आखिर यह दुर्दान्त आतंकवादी कहां से और कैसे आये। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री देश को यह बताएं कि इस हमले के खूंखार आतंकवादी अभी तक जिन्दा क्यूं बचे हैं। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश की बहादुर सेना आपरेशन सिन्दूर के जरिए दुश्मन के दांत खटटे कर रही थी। ऐसे में उन्होने कहा कि महज चार दिन में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के लगातार बार बार दावे के बीच सैन्य सीजफायर की भी असलियत संसद में चर्चा के जरिए देश के सामने आनी चाहिए। उन्होने कहा कि विपक्ष के उपनेता के रूप में वह राज्यसभा में आतंकवादी हमले को लेकर सरकार की विफलता को प्रमुखता से उठाए जाने की पहल करेंगे। इधर सोमवार को संसद भवन परिसर में हुए विपक्षी दलों के सांसदों के विरोध प्रदर्शन प्रमुख विपक्षी नेताओं के साथ राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी की मौजूदगी को लेकर समर्थकों व कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल भी देखा गया। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का बयान यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से निर्गत हुआ है।