सूरतगंज/बाराबंकी। जल जीवन मिशन ,एक ऐसी योजना जो गांव-गांव में हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का सपना लेकर आई थी। लेकिन सूरतगंज ग्राम पंचायत के बिकेपुर गांव में यह सपना अधूरा रह गया है। टंकी अधूरी है, पाइप लाइनें बिछीं तो सही, लेकिन पानी अब भी नलों से नहीं बहता। गांव वालों के लिए यह योजना अब एक अधूरी उम्मीद, और बढ़ती प्यास का प्रतीक बन गई है।साल 2023 में लाखों रुपये की लागत से बिकेपुर गांव में जल जीवन मिशन के तहत टंकी निर्माण की शुरुआत हुई थी। पूरे कस्बे में पाइप लाइन बिछाई गई। मकसद था ,हर घर में साफ पानी पहुंचे। लेकिन अब एक साल से अधिक बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य अधूरा है। विभाग बजट की कमी का हवाला दे रहा है और ग्रामीण रोज पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।गांव की महिलाओं को अब भी मटके लेकर दूर-दराज के हैंडपंपों पर जाना पड़ता है। बच्चे स्कूल से लौटकर पानी भरने में लग जाते हैं। बुजुर्गों की आंखों में अब भी उस दिन का इंतजार है जब उनके आंगन में लगी टोटी से पानी बहेगा।बिकेपुर की अधूरी टंकी अब उस सरकारी व्यवस्था का प्रतीक बन चुकी है जो सपने तो बड़े दिखाती है, लेकिन उन्हें पूरा करने से पहले ही थक जाती है। हर दिन गांव की औरतें, बच्चे, और बुजुर्ग एक सवाल के साथ दिन काटते हैं क्या हमारे घर कभी पानी आएगा?ष्जब तक जवाब नहीं मिलता, यह प्यास सिर्फ गले की नहीं, भरोसे की भी बनी रहेगी।
जल जीवन मिशन के तहत बिछाई गई पाइपलाइन के लिए पूरे कस्बे की इंटरलॉकिंग सड़कों को खोदा गया था। मगर बिछाई गई पाइप लाइन के बाद सड़क को दोबारा दुरुस्त करना विभाग ने जरूरी नहीं समझा।
अब हालात यह हैं कि बरसात में उखड़ी हुई इंटरलॉकिंग सड़कें दलदल बन चुकी हैं। न बच्चे सुरक्षित हैं, न बुजुर्ग। राहगीरों के लिए इन रास्तों से गुजरना खतरे से खाली नहीं।
सौरभ मौर्य, अवर अभियंता, जल निगम ने कहा कि टंकी निर्माण कार्य बजट न मिलने से रुका पड़ा है। जैसे ही बजट आवंटित होगा, कार्य को शीघ्र पूर्ण कर हर घर में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।