अमेठीः एक मिनट में 700 राउंड फायरिंग, 800 मीटर रेंज...! भारतीय सेना को मिलेंगी 6 लाख एके-203 असॉल्ट राइफल
July 20, 2025
अमेठी। देष के दुश्मनो को करारा जबाब देने के लिये एक ऐसा ब्रम्हास्त्र तैयार किया जा रहा है जो 700 दुश्मनों को एक साथ ढेर कर सकता है। जनपद के कोरबा प्लांट में रूस की मदद से असॉल्ट राइफल में भारतीय सेना के लिए तैयार की जा रही हैं। वही 48 हजार राइफल अब तक सेना को सप्लाई हो चुकी हैं। गौरतलब हो कि वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मेक इन इंडिया के तहत एके-203 असॉल्ट राइफल के निर्माण के लिए कोरवा में एक साझा प्लांट का उद्घाटन किया था, इसके लिए दोनों देशों ने 5200 करोड़ का करार किया था. वर्ष 2020 में गलवान घाटी की झड़प और पूर्वी लद्दाख में चीन से शुरु हुए विवाद के चलते भारतीय सेना को आनन-फानन में अमेरिका से 72-72 हजार सिग-सोर राइफल्स की खेप का दो बार ऑर्डर भी देना पड़ा था. साल 2024 में एक बार फिर से राइफल निर्माण ने तेजी पकड़ी और सेना को राइफलों की खेप पहुंचाई गई। कोरबा प्लांट का लक्ष्य हर साल 70 हजार राइफल के निर्माण का है। इस साल के अंत तक सेना को 70 हजार राइफल मिलने की उम्मीद है. इसके बाद सभी एके-203 राइफल, पूरी तरह स्वदेशी होंगी. प्लांट में फिलहाल 550 लोग काम करते हैं, इनमें से 12 रशियन हैं. सीएफओ सहित कुल 3 रूसी, कंपनी के बोरेड ऑफ डायरेक्टर में शामिल हैं, बाकी 90 प्रतिशत स्थानीय अमेठी के ही रहने वाले हैं। मेजर जनरल शर्मा ने बताया कि सेना को दिसंबर 2030 तक सभी छह लाख राइफल की डिलीवरी कर दी जाएगी, यानी तय समय से 22 महीने पहले. जनरल शर्मा के मुताबिक, मेक फॉर द वर्ल्ड के तहत, एके-203 को मित्र-देशों को एक्सपोर्ट भी किया जाएगा. इसके अलावा आने वाले समय में एके सीरिज की दूसरी राइफल का निर्माण करने का भी लक्ष्य है. साथ ही यूबीजीएल ग्रेनेड लॉन्चर भी बनाए जाएंगे. साथ ही कोरबा प्लांट को दुनिया की टॉप फाइव कंपनी में शामिल करना है। आपको यह भी बता दे कि एके-203 -203 राइफल कलाश्निकोव राइफल का आधुनिक संस्करण है, इसमें बेहतर सटीकता, बेहतर एर्गोनॉमिक्स और बेहतरीन अनुकूलन क्षमता है। यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों और आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए उपयुक्त है। इसकी रेंज 800 मीटर तक है और एक मिनट में 700 राउंड फायर करने में सक्षम है।