रामनगर/ बाराबंकी। धरती मां को फिर से हरा-भरा करने की एक सुंदर कोशिश मंगलवार को देखने को मिली, जब पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारियों ने रामनगर क्षेत्र के केसरीपुर में 300 पौधे रोपकर प्रकृति से जुड़ने का सजीव उदाहरण प्रस्तुत किया। लखनऊ-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे जब बेलदार राजदेव यादव के नेतृत्व में विभागीय टीम ने फावड़े उठाए, तो वह सिर्फ पौधे नहीं रोप रहे थे, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन की नींव रख रहे थे।नीम की ठंडी छांव, आंवले की औषधीय महत्ता, पीपल का श्वासदायी स्पर्श, और गुलमोहर की रंग-बिरंगी मुस्कान हर पौधा जैसे किसी नए जीवन की शुरुआत का संकेत दे रहा था। दोपहर की चिलचिलाती धूप में भी राजदेव यादव, नानकु यादव, नन्हेंलाल और जीतू सहित पीडब्ल्यूडी के कर्मठ कर्मचारियों की यह सेवा न केवल प्रेरणादायी थी, बल्कि एक भावुक संदेश भी दे रही थी कि धरती को बचाना है तो अब पहल करनी होगी।
यह अभियान अधिशासी अभियंता दीपक चैधरी और एपी सिंह के दिशा-निर्देशन में सम्पन्न हुआ, जो यह दर्शाता है कि अब सरकारी महकमे भी पर्यावरण संरक्षण को केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक सामाजिक कर्तव्य समझने लगे हैं।स्थानीय नागरिकों की आंखों में उम्मीद की चमक थी, जब उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इन पौधों की देखरेख करेंगे। यह सिर्फ एक वृक्षारोपण नहीं था, यह भविष्य के लिए एक सौगात थी ,एक हरा सपना, जिसे सब मिलकर साकार करने चले थे।सच कहा जाए तो जब एक बेलदार अपने हाथों से धरती को सजाता है, तो वह केवल एक कर्मचारी नहीं रह जाता वह एक धरतीपुत्र बन जाता है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए छांव, जीवन और उम्मीद छोड़ जाता है।