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वक्फ बिल के खिलाफ देशभर में आंदोलन करेगी एआईएमआईएम, दिल्ली से होगी शुरुआत


ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने साफ तौर पर धमकी दी है कि अगर वक्फ बिल लाया गया तो उसके खिलाफ वह देशव्यापी आंदोलन करेगी। AIMIM के दिल्ली अध्यक्ष डॉ. शोएब जामई ने सोशल मीडिया पर लिखा- अगर वक़्फ़ बिल जबरन मुसलमानों पर थोपने की कोशिश की गई तो देशव्यापी आंदोलन होगा और इसकी शुरुआत दिल्ली से करेंगे। "पिछली बार आंदोलन जहां से खत्म हुआ था शुरूआत वहीं से होगी". हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे और संविधान में अल्पसंख्यको को दिए गए अधिकार पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे।

बता दें कि वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए लोकसभा में आज चर्चा होगी। जहां सत्ता पक्ष इस बिल को पास कराने की कोशिश में जुटा है वहीं विपक्षी दल इस बिल को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश में जुटे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि वे इस बिल को पास होने से रोकने की कोशिख करेंगे। दोनों सदनों में प्रस्तावित कानून पर चर्चा के लिए आठ-आठ घंटे आवंटित किए गए हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बाद चार सबसे बड़े घटकों- तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा), जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), शिवसेना और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)- ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सरकार के रुख का समर्थन करने को कहा है।

केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार विपक्ष के हर तर्क का जवाब देने के लिए तैयार है। हम पूरी तैयारी के साथ आए हैं। इससे पहले कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सदन की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में इस विधेयक पर आठ घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी जिसे सदन की भावना के अनुरूप और बढ़ाया जा सकता है। बैठक में विधेयक को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार के प्रारंभिक संकेत तब दिखाई दिए जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्यों ने बैठक से वॉकआउट किया और सरकार पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया। हालांकि इस मुद्दे पर गतिरोध से कोई खास फर्क नहीं पड़ता दिख रहा क्योंकि लोकसभा में सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पक्ष में संख्याबल है।

विधेयक के मुखर विरोधी एआईएमआईएम सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा कि वह सदन में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान बताएंगे कि यह किस तरह ‘असंवैधानिक’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों पर नियंत्रण के मकसद से लाया गया है और जनता तेदेपा और जद(यू) जैसे भाजपा के सहयोगी दलों को सबक सिखाएगी। लोकसभा में 542 सदस्यों में राजग के 293 सांसद हैं और भाजपा कई मौकों पर कुछ निर्दलीय सदस्यों का समर्थन हासिल करने में सफल रही है।

पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद, उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित करने की मांग की जबकि सरकार ने कम समय रखने पर जोर दिया ताकि अन्य विधायी कामकाज निपटाया जा सके।

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