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प्रयागराजः उत्तम चरित्र वाले की जीत होती है - डॉक्टर अनिरुद्ध जी


प्रयागराज। नवरात्रि के पावन पर्व पर श्री नव संवत्सर मानस समिति द्वारा आयोजित 53 वें श्री राम कथा कार्यक्रम में मां कल्याणी देवी उद्यान सरल व संगीत मय श्री राम कथा कार्यक्रम में बोलते हुए प्रखर राष्ट्र चिंतक व्यास डॉ अनिरुद्ध जी महाराज ने बताया कि सीता जी का अपहरण करके जाने वाले रावण को गीघराज ने रुकने और पतिव्रता सीता जी को छोड़ देने के लिए कहा किंतु रावण अपनी शक्ति व पराक्रम के अहंकार में नहीं रुका। जटायु ने रावण का रथ रोकने के लिए उसे पर हमला कर दिया। इस विषम स्थिति में दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। जटायु के भीतर कर्तघ बोघ था। उसे पता था कि ऐसी स्थिति में अपने जान की कीमत पर भी एक संकट ग्रस्त महिला की रक्षा करनी चाहिए। रावण के ऊपर तीव प्रहार करते हुए इतना घायल कर दिया कि रावण मूर्छित होकर अपने रथ से नीचे गिर गया। सीता को रावण से बचने के लिए घनघोर युद्ध हुआ।गीघराज पर रावण ने कृपाण से हमला करके घायल कर दिया। भगवान श्री राम लक्ष्मण जी के साथ सीता जी को खोजते हुए उधर ही पहुंच गए जहां गयाल जटायू है हा राम हा राम कहता हुआ विलाप कर रहा था। व्यास जी ने कहा कि सीता जी की सुरक्षा का जो भाव बड़े-बड़े राजाओं योद्धाओं मुनियों में नहीं आया वह भाव पक्षी होते हुए भी जटायु में आया। इसीलिए आकृति में प्रकृति का बड़ा महत्व होता है। जटायु में मनुष्यता है। इसी बीच भगवान राम वहां लक्ष्मण के साथ पहुंच गए। जटायु घायल अवस्था में आंखें बंद करके राम राम कह रहा था। भगवान राम ने जटायू के सर पर हाथ फेरा। जटायू की आंखें खुल गई। जटायु ने राम जी को बताया कि रावण से युद्ध करके सीता जी को बचाने में रावण ने मेरा यह हाल कर दिया। यह भी बताया कि रावण सीता जी को लेकर दक्षिण की ओर गया है।

भगवान राम ने जटायु को गोद में उठा लिया। उसका प्राणान्त हो गया। भगवान ने स्वयं उसकी अंत्येष्टि क्रिया संपन्न किया। पूज्य व्यास जी ने बताया कि इससे स्पष्ट होता है की कुछ भी बन जाओ पर मनुष्यता नहीं भूलना चाहिए।

उक्त अवसर पर श्री नव संवत्सर मानस समिति के अध्यक्ष पं. उदयभान करवरिया ने कहां की वास्तव में सनातन धर्म प्राणी मान के कल्याण की चिंता व व्यवस्था करता है। आज प्रयागराज के महाकुंभ से यह स्पष्ट हो गया कि संपूर्ण भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में इस सनातन धर्म को मानने और भगवान राम की पूजा करने वाले लोग हैं। समिति के संयोजक व मां कल्याणी देवी मंदिर के अध्यक्ष पं. सुशील कुमार पाठक ने बताया कि स्वरू पं. सीताराम पाठक व स्वरू श्री नाथ टंडन द्वारा स्थापित श्री नव संवत्सर मानस समिति द्वारा प्रत्येक वर्ष श्रीमद् भागवत अथवा श्री राम कथा का आयोजन मां कल्याणी देवी परिसर में होता है। यह कार्यक्रम का 53 वाँ वर्ष है।

कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष पं. उदयभान करवरिया भू०पू० विधायक एवं इनकम टैक्स सेल टैक्स अधिवक्ता श्री रतन जी टंडन ने प्रसाद वितरित किया।

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