Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

कन्या पूजन के लिए चैत्र नवरात्रि में केवल इतनी देर है शुभ मुहूर्त


नवरात्रि में 9 दिनों तक माता रानी की पूजा करने के बाद कन्या पूजन किया जाता है। नवरात्रि के व्रत का पारण भी कन्या पूजन के बाद करने का विधान है। इस अनुष्ठान में 9 कन्याओं की पूजा होती है, जिन्हें देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक स्वरूप माना जाता है। कन्या पूजन में भोजन, वस्त्र, दक्षिणा आदि कन्याओं को दिए जाते हैं। कुछ लोग अष्टमी तिथि को तो कुछ नवमी को कन्या पूजन करते हैं। ऐसे में आइए जान लेते हैं कि चैत्र नवरात्रि के दौरान अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा।
चैत्र नवरात्रि 2025

चैत्र नवरात्रि 2025 में 30 अप्रैल से शुरू हुई थी। 6 अप्रैल के दिन नवमी तिथि पर इसका समापन होगा। अष्टमी तिथि का पूजन 5 अप्रैल तो नवमी का पूजन 6 अप्रैल को किया जाएगा।
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 
अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त- 5 अप्रैल 2025 को सुबह 7 बजकर 40 मिनट से 9 बजकर 15 मिनट तक
नवमी तिथि पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त- 6 अप्रैल 2025 को सुबह 7 बजकर 40 मिनट से 9 बजकर 14 मिनट तक
आप नवमी तिथि के दिन सुबह 10 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक भी कन्या पूजन कर सकते हैं। इस दौरान अमृत चौघड़िया रहेगा।

शुभ मुहूर्त में अगर आप नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करते हैं तो शुभ फल आपको कई गुना बढ़कर मिल सकते हैं। इस दिन कन्या पूजन के साथ ही जरूरतमंद लोगों को भोजन अगर आप कराते हैं तो देवी दुर्गा की अनुकंपा आप पर बरसती है।
कन्या पूजन का महत्व

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है। कन्याओं का पूजन हम उन्हें देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक मानकर करते हैं। कन्याओं का पूजन करना देवी दुर्गा के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का प्रतीक है। कन्या पूजन नारी शक्ति के समाज में योगदान और उनकी महत्ता का प्रतीक भी है। कन्या पूजन करने से हमारा आध्यात्मिक विकास होता है। माता दुर्गी की कृपा भक्तों पर बरसती है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |