- खाली पड़ी जमीनो पर जल संरक्षण में मिलेगी मदद
अमेठी। जल संरक्षण के प्रति सरकार प्रयासरत है। जिसके तहत अब मनरेगा योजना से रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग की खाली पड़ी जमीनों पर अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए आयुक्त ग्राम्य विकास ने मुख्य विकास अधिकारी व अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक को पत्र भेजकर संबंधित विभागों के अधिकारियों से समन्वय बनाकर भूमि का चयन कराने का निर्देश दिया है। अमृत सरोवरों के निर्माण से रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग की खाली पड़ी जमीनों का उपयोग हो सकेगा। साथ ही जल संरक्षण में भी मदद मिलेगी। रेलवे विभाग के पास काफी जमीनें खाली पड़ी हैं। अमेठी जिले से होकर लखनऊ-प्रतापगढ़, लखनऊ-सुलतानपुर और प्रतापगढ़-सुलतानपुर रेलवे ट्रैक गुजरता है। लखनऊ-प्रतापगढ़ रेलवे ट्रैक पर अमेठी जिले में हाल्ट सहित आठ स्टेशन पड़ते हैं। वहीं प्रतापगढ़-सुलतानपुर रेलवे ट्रैक पर रामगंज हाल्ट है। इसी तरह लखनऊ-सुलतानपुर रेलवे ट्रैक पर तीन स्टेशन व एक हाल्ट है। इन रेलवे स्टेशनों के पास काफी संख्या में जमीन खाली पड़ी है। जिला मुख्यालय गौरीगंज के रेलवे स्टेशन के पास पश्चिम दिशा में रणंजय इंटर कालेज के पीछे बड़ा तालाब रेलवे की जमीन पर है। जो जलखुंभी, बेहया आदि के पौधों से पटा है। वहीं अमेठी जिले से होकर नौ राष्ट्रीय राजमार्ग भी गुजरते हैं। एनएचआईए के पास भी काफी जमीन खाली पड़ी है। अमृत सरोवरों की खुदाई से निकली मिट्टी व गाद का उपयोग रेलवे व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अपने निर्माण कार्यों, सुदृढ़ीकरण आदि में किया जा सकता है। मिट्टी खनन के लिए जिला प्रशासन अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करेगा। हालांकि वन क्षेत्रों में अमृत सरोवरों का निर्माण केवल वन विभाग से जरूरी अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही किया जा सकेगा। इन अमृत सरोवरों का विकास पिकनिक स्पाट के रूप में कराया जाएगा। अमृत सरोवर के चारों तरफ रास्ते का निर्माण कराया जाएगा। प्रकाश की व्यवस्था कराई जाएगी। बैठने के लिए बेंच, झूले, छायादार पौधे व खूबसूरत फूलों के पौधे लगवाए जाएंगे। जिससे लोग सुबह-शाम यहां घूमने के लिए आ सकें। इस संबंध में उपायुक्त मनरेगा शेर बहादुर ने कहा कि रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग की खाली पड़ी भूमि पर अमृत सरोवरों के निर्माण के लिए सभी खंड विकास अधिकारियों को संबंधित विभागों के अधिकारियों से सामन्जस्य बनाकर भूमि का चयन करने के लिए निर्देशित किया गया है। भूमि उपलब्ध होने पर अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जाएगा।