बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने नहीं सुनी
April 04, 2025
बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने की मांग को सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट ने इसे एक नीतिगत विषय बताते हुए याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार को ज्ञापन देने के लिए कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि ज्ञापन मिलने के 8 सप्ताह भीतर सरकार नियमों के मुताबिक उस पर विचार करे.
जेप फाउंडेशन नाम की संस्था की याचिका में कहा गया था कि भारत में नियमों के अभाव और मौजूद नियमों का सख्ती से पालन न होने के चलते बड़ी संख्या में बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके चलते उनका बौद्धिक विकास प्रभावित हो रहा है. कई बार सोशल मीडिया से पैदा हुए भावनात्मक दबाव को बच्चे झेल नहीं पाते और आत्महत्या तक कर लेते हैं.
याचिकाकर्ता ने 13 साल तक के बच्चों को सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने से पूरी तरह रोकने, 13 से 18 साल तक के बच्चों को अभिभावकों की निगरानी में ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने देने, सोशल मीडिया यूजर की आयु का पता लगाने के लिए बायोमेट्रिक और दूसरे तरीकों के इस्तेमाल और सोशल मीडिया के प्रभाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाने जैसी कई मांगें की गई थीं.
जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने थोड़ी देर तक याचिकाकर्ता के वकील को सुना. इसके बाद उन्होंने कहा कि याचिका में जो भी बातें मांगी गई हैं, उन पर फैसला संसद या सरकार ले सकती है. चूंकि, यह नीतिगत विषय है, इसलिए याचिकाकर्ता अपनी बातों को एक ज्ञापन के रूप में सरकार को सौंपे