दिल्ली में बिल्डिंग ढहने से 11 लोगों की मौत, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
April 20, 2025
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दयालपुर में एक चार मंजिला इमारत के ढहने से बड़ा हादसा हो गया. इस दिल दहला देने वाली घटना में 11 लोगों की जान चली गई, जिनमें एक ही परिवार के 8 लोग शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है.
पीएम मोदी ने मृतकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है. हादसा शुक्रवार देर रात हुआ, जब लोग गहरी नींद में थे. अचानक इमारत भरभराकर गिर पड़ी. सुबह जब लोगों की नींद खुली तो चारों तरफ धूल-धुआं और चीख-पुकार मची थी. रेस्क्यू टीमें दिनभर मलबे में दबे लोगों को निकालती रहीं. 22 लोगों को मलबे से निकाला गया था, जिनमें से 11 घायलों का जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
इस हादसे ने तहसीन के परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया. उनके 13 सदस्यों वाले परिवार में अब सिर्फ 5 लोग बचे हैं. तहसीन की बड़ी बहू साहिबा ने बताया कि वह अपने तीन बच्चों के साथ एक रिश्तेदार की शादी में गई थीं. हादसे की खबर सुनते ही वह वापस लौटीं, लेकिन तब तक उनका घर मलबे में बदल चुका था. उनके ससुर हाजी तहसीन, देवरानी चांदनी, नजीम, सायना, नजीम के तीन बच्चे और नाना इसहाक इस हादसे में चल बसे. अब परिवार में कमाने वाला सिर्फ उनका देवर चांद बचा है. साहिबा का कहना है कि अब उन्हें जिंदगी नए सिरे से शुरू करनी होगी
पड़ोसी जावेद ने बताया कि तहसीन और उनका बेटा कबाड़ का काम करते थे. इमारत पहले दो मंजिला थी, लेकिन 7-8 साल पहले दो और मंजिलें बनाई गई थीं. हादसे के वक्त चांद ने अपने परिवार को बचाने की कोशिश की, लेकिन सबको नहीं बचा सका. तहसीन की पत्नी और एक बेटे की जान बच गई.
वसीम ने बताया कि उनकी बहन चांदनी की शादी चांद से हुई थी. शुक्रवार रात 11 बजे उन्होंने चांदनी से आखिरी बार बात की थी, तब सब ठीक था. लेकिन सुबह हादसे की खबर ने उनकी जिंदगी उजाड़ दी. वसीम का कहना है कि वह पहले ही 2020 के नॉर्थ-ईस्ट दंगों में अपने भाई आस मोहम्मद को खो चुके थे. इस हादसे में चांदनी के ससुराल आए नाना इसहाक भी नहीं बच सके. यह हादसा न सिर्फ एक परिवार, बल्कि पूरे इलाके के लिए गहरा सदमा है. लोग अब सरकार से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की लगातार मांग कर रहे हैं.